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MP Assembly Election 2023 : नतीजे नजदीक आते ही बढ़ने लगी नेताओं की धड़कनें; CM शिवराज सिंह समेत BJP के कई दिग्गज आ रहे मंदिरों में नजर

MP Assembly Election 2023 : मध्य प्रदेश में वोटिंग खत्म हुए कई दिन बीत चुके हैं और हर किसी की नजर 3 दिसंबर के नतीजों पर है। हालांकि जीत की कामना के लिए नेताओं को मंदिरों में नतमस्तक होते भी देखा जा रहा है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Nov 29, 2023 00:08
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MP Assembly Election 2023, भोपाल: मध्य प्रदेश में चुनाव भले ही निकल गए हों, लेकिन धर्म पर सियासत जारी है। दरअसल, मतदान के बाद बीजेपी के कई दिग्गजों की मंदिर में माथा नभाते हुए की तस्वीर सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई नेताओं ने अलग-अलग मंदिरों में आमद दर्ज कराई। मुख्यमंत्री शिवराज ने मैहर में माई शारदा, उज्जैन में बाबा महाकाल और सलकनपुर में माता के मंदिर में पूजा अर्चना की। बीजेपी प्रदेश मुखिया वीडी शर्मा भी खजुराहो के श्री मतंगेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर चुके हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में माई पीतांबरा के दर्शन किए फिर शिव मंदिर में अभिषेक किया। कैलाश विजयवर्गीय ओंकारेश्वर में देवाधिदेव महादेव समेत माता नर्मदा के शरण में गए। इंदौर में अन्नकूट महोत्सव में शामिल होकर महाआरती की और श्री रणजीत हनुमान मंदिर में पूजा की।

केंद्रीय मंत्री भी नहीं हैं आशीर्वाद लेने में पीछे

पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने मतदान के बाद महाराष्ट्र में पुणे के पास स्थित अष्टविनायक दर्शन यात्रा की। फिर थ्योर में भगवान श्री चिंतामणि गणेश, राजनांदगांव में श्री महागणपति। ओझर में विघ्नहर्ता गणपति और लेन्यादरी में भगवान गिरिजात्मज गणपति जी के दर्शन भी किए। बच्चों के साथ भजन करते हुए भी गोपाल भार्गव का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री भी पीछे नहीं हैं। केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर पड़ाव स्थित हनुमान मंदिर में पूजन कर चुके हैं। साथ ही महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी में भी उपासना की। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल अयोध्या पहुंच कर सरयू के तट पर पूजा अर्चना की और श्री राम जानकी वनगमन पदयात्रा में शामिल हुए। इसी तरह पटेल पहले जरारू धाम में गौ माता की पूजा कर हवन कर चुके हैं।

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मध्य प्रदेश | Madhya Pradesh - Money Bhaskar

कांग्रेस ने निशाना साधा भाजपाइयों की धार्मिक दौड़ पर निशाना

उधर, भाजपा नेताओं की इस धार्मिक दौड़ को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी निशाना साधा है। कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव से पहले महाकाल बाबा के लोक, रामराजा श्री ओरछा धाम समेत अन्य मंदिरों में घोटाला किया। फिर चुनावों में खुलकर धर्म के नाम पर वोट मांगे तो अब हार के डर से भगवान के शरण में दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी कहा कि आखिर किस मुंह से बीजेपी के तमाम नेता सर्वव्यापी, सर्व विदित भगवान के दरबार में अर्जी लगा रहे हैं। यदि बीजेपी के नेता ईश्वर में आस्था रखते हैं तो मंदिरों के नाम पर किए घोटाले और खाया गया चंदा का हिसाब दें। कांग्रेस का दावा है कि इस बार भगवान का आशीर्वाद भी कांग्रेस के साथ है।

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भाजपा नेतृत्व ने किया पलटवार

दूसरी ओर, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि हमारी पार्टी जितनी धर्म के साथ कर्तव्य और कर्तव्य के साथ राजनैतिक धर्म में आस्था है उतनी किसी पार्टी के नेताओं में नहीं। चुनाव संपन्न होने के बाद ईश्वर के दरबार में जाना कोई गलत बात नहीं है। साथ ही कहा कि कांग्रेस की भ्रष्टाचारी सरकार के कारनामों की लंबी सूची है। यही कारण है कि अब कांग्रेस पतन की ओर है। यदि भाजपा की रीति-नीति को समझना है तो कांग्रेस को अपना चश्मा बदलना पड़ेगा। नसीहत भी दी कि बदहाल प्रदेश के 20 साल की तस्वीर बदलने का काम बीजेपी ने ईश्वर के आशीर्वाद होने के कारण ही किया।

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Edited By

Balraj Singh

First published on: Nov 29, 2023 12:05 AM

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