दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर महिला के साथ दिखे नेता को पुलिस ने 25 मई को गिरफ्तार किया और 26 मई को उन्हें जमानत मिल गई। मनोहर लाल धाकड़ ने वायरल वीडियो के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वीडियो में वह नहीं हैं, बल्कि वीडियो ही फर्जी है। इसके साथ ही उन्होंने वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश के मंदसौर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का बताया गया। वीडियो में एक पुरुष और एक महिला दिखाई दे रहे थे, जो एक्सप्रेसवे पर कार से उतरकर शारीरिक संबंध बनाते नजर आ रहे थे। वीडियो वायरल होते ही हड़कंप मच गया। दावा किया गया कि वीडियो में दिख रहा पुरुष भाजपा नेता मनोहर लाल धाकड़ हैं, हालांकि मंदसौर भाजपा जिलाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि मनोहर लाल धाकड़ उनकी पार्टी के नेता नहीं हैं, हालांकि उनकी पत्नी बीजेपी से जुड़ी हुई हैं।
क्या बोले मनोहर लाल धाकड़?
अब मनोहर लाल धाकड़ का कहना है कि वीडियो में वह नहीं हैं, वीडियो पूरी तरह फर्जी है और वीडियो में दिख रही गाड़ी भी उनकी नहीं है। उन्होंने कहा कि वीडियो की सत्यता की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे और वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
तीन कर्मचारी सस्पेंड
वहीं एक्सप्रेसवे पर तैनात तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद NHAI ने एक्सप्रेसवे पर तैनात कंपनी को इसकी जानकारी दी थी। जांच के बाद तीन कर्मचारियों को दोषी पाते हुए बर्खास्त किया गया है। ये तीनों कर्मचारी निजी कंपनी से जुड़े हुए थे, NHAI के कर्मचारी नहीं थे।
क्या मनोहर लाल धाकड़ को किया गया ब्लैकमेल?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक्सप्रेसवे पर तैनात कर्मचारियों ने घटना के दिन ही मनोहर लाल धाकड़ को बता दिया था कि उनका वीडियो रिकॉर्ड हो गया है। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। वीडियो वायरल न करने के बदले एक्सप्रेसवे के कर्मचारियों द्वारा पैसे मांगे जा रहे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेता से वीडियो वायरल न करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसे देने के लिए मनोहर लाल धाकड़ तैयार भी हो गए थे। अब पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है।