Ujjain Will Become A Global Religious Tourist Destination: धार्मिक नगरी उज्जैन में साल 2028 में आयोजित सिंहस्थ की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ महाकुंभ एक सोशल गैदरिंग है, इससे समाज की दिशा तय होती है। पहले लोग कुंभ के मेले में तय हुई दिशा को लेकर जाते थे और समाज में बदलाव के लिए काम करते थे।
समय के साथ परंपराओं में बदलाव आया है, लेकिन हमें अपनी जड़ों और मूल्यों के महत्व को समझना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी मानना है कि कुंभ केवल एक मेला ही नहीं, लेकिन विश्व को परंपराओं के इनोवेशन एजुकेशन और संदेश देने वाले शानदार प्रबंधन का एक अच्छा उदाहरण है। दुनिया को इसे केस स्टडी के तौर पर अपनाना चाहिए।
तैयारियों में जुटी सरकार
मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार सिंहस्थ महाकुंभ-2028 की तैयारियों में जुटी है, जिसमें विकास और अधोसंरचना के काम शुरू किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री यादव ने संकल्प लिया है कि सिंहस्थ-2028 में श्रद्धालुओं को क्षिप्रा नदी के निर्मल जल में ही स्नान कराया जाए और क्षिप्रा नदी में स्वच्छ और शुद्ध जल का प्रवाह सदा के लिए सुनिश्चित कर उसे सही अर्थों में पुण्य-सलिला और सदानीरा बनाया जाए।
संकल्प पूरा करने के लिए उज्जैन में सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी, कान्ह क्लोज डक्ट और हरियाखेड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं और 18 बैराज के साथ स्टॉप डेम बनाए जा रहे हैं। इससे क्षिप्रा नदी में पूरे वर्ष निर्मल जल प्रवहमान रहेगा, साथ ही उज्जैन को शुद्ध और भरपूर पानी भी उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री यादव सिंहस्थ कुंभ के सफल आयोजन से उज्जैन को एक प्रमुख वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित करना चाहते हैं।
परियोजनाएं की होगी पाक्षिक समीक्षा
मुख्यमंत्री यादव ने सिंहस्थ आयोजन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागीय कार्यों को समय-सीमा में पूरा किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी कार्यों की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा हो रही है। वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत स्तर पर इनकी पूरी निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उज्जैन और इंदौर जिलों में निर्माण कार्य और मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन के लिए टेंडर प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी कर सभी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर सितंबर 2025 तक पूरे कर लिए जाएं।
चाक-चौबंद यातायात व्यवस्था
सिंहस्थ आयोजन के दौरान परिवहन व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए दूसरे संसाधनों के साथ ही रेलवे अधिकारियों के साथ सतत समन्वय के लिए एक विशेष सेल स्थापित किया जाएगा। इससे लाखों श्रद्धालुओं के लिए सिंहस्थ तक पहुंचने का मार्ग सुगम किया जा सकेगा। विशेष मार्गों का विकास भी किया जाएगा, ताकि यातायात प्रवाह का बेहतर प्रबंधन किया जा सके और पीक-ट्रैफिक के दौरान बॉटल-नैकिंग की समस्या उपस्थित न हो सके। इसके साथ ही प्रदेश सरकार उज्जैन और इंदौर को जोड़ने के लिए 2312 करोड़ रुपए की सड़क उन्नयन परियोजना को मंजूरी दे चुकी है, इसे तीर्थ यात्रियों के लिए एक प्रमुख मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
बनाए जा रहे स्थाई इंफ्रास्ट्रक्चर
सिंहस्थ-2028 की तैयारियों के संबंध में आयोजित पहली कैबिनेट बैठक में समिति ने आयोजन के लिए लगभग 5955 करोड़ रुपए की 19 परियोजनाओं को मंजूरी दी, जो जल-आपूर्ति प्रणालियों, सीवेज लाइनों, बिजली ग्रिड्स और अन्य प्रमुख सुविधाओं पर केन्द्रित हैं। इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में सिंहस्थ की तैयारियों के लिए 505 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। सिंहस्थ मेला क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 3360.6 हेक्टेयर है। विकास योजना में सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए 2344.11 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल किया जाएगा। मेला क्षेत्र के लिए स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़कें, जल आपूर्ति, सीवेज लाइनें, बिजली, उद्यान आदि के निर्माण की योजना बनाई गई है। उज्जैन विकास प्राधिकरण लैंड-पूलिंग योजना का उपयोग करते हुए स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगा। यहां अखाड़ों, आश्रमों और श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
स्टार्टअप्स का उज्जैन में होगा सम्मेलन
उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ में लगभग 15 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। तैयारियों के संदर्भ में मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज और हरिद्वार में कुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सिंहस्थ आयोजन में भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन सर्वे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जायेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं में जुड़ी कंपनियों और स्टार्टअप्स को बुलाकर उज्जैन में एक सम्मेलन कराया जाएगा। सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की संभावित भारी संख्या में आमद को ध्यान में रखते हुए संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। उज़्जैन और इंदौर को सिंहस्थ-2028 के मुख्य केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां परिवहन, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और अन्य जरूरी सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री यादव ने सिंहस्थ के हर एक पहलू के प्रभावी प्रबंधन के लिए अलग-अलग विभागों के बीच समन्वय की महत्ता पर जोर दिया है। इसमें धर्मशालाओं का उन्नयन और निर्माण कार्यों के दौरान उज़्जैन, इंदौर और देवास जिलों में क्लीनलीनेस के साथ ही ग्रीनरी में सुधार शामिल है।
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