Madhya Pradesh Solid Waste Management: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार लगातार राज्य की जनता के लिए हितकारी काम कर रही है। इसके तहत नगरीय प्रशासन विभाग की तरफ से प्रदेश के शहरों के स्वच्छ पर्यावरण पर खास ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए स्थानीय निकायों के जरिए सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट के काम को बेहतर तरीके से किया जा रहा है। नगरीय निकायों में कचरा संग्रहण, प्रोसेस, परिवहन और इससे निपटने के लिए उचित सुविधाओं के विकास के लिए स्थानीय निकायों को जनसंख्या के आधार पर अनुदान राशि दी जा रही है।
मध्यप्रदेश सरकार के सफल प्रयास
हर क्षेत्र का हो रहा समग्र विकास@PMOIndia @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/jTyO3ctkHm---विज्ञापन---— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 9, 2024
पिछले साल 7 हजार टन कचरे को प्रोसेस
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में राज्य के 413 नगरीय निकायों में 7 हजार टन कचरे का उत्सर्जन किया गया था। जिसमें से निकायों द्वारा 6.63 हजार टन कचरे का निपटान लिगल प्रोसेसिंग से हुआ था, जो यहां से उत्पन्न होने वाले कचरे का 98 प्रतिशत होता है। प्रदेश में इस समय वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 2 प्रक्रिया पर कार्य जा रहा है। पहली प्रक्रिया क्लस्टर आधारित परियोजना का इम्प्लीमेंटेशन है। इसमें केंद्रीय निकाय में आस-पास के निकायों से कचरा लाकर प्रोसेस किया जा रहा है। प्रदेश में अभी इस तरह के 5 क्लस्टर में 60 नगरीय निकायों को शामिल किया गया है।
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प्रदेश में ऐसे होता है कचरे को प्रोसेस
प्रदेश में अभी इस तरह के 5 क्लस्टर में 60 नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। ये क्लस्टर्स प्रदेश के सागर, रीवा, जबलपुर, सिंगरौली और कटनी में हैं। सागर, कटनी और सिंगरौली के क्लस्टर में गीले कचरे से खाद बनाया जा रहा है। वहीं रीवा और जबलपुर में प्रतिदिन संग्रहित होने वाले कचरे से बिजली पैदा की जाती है। इसके अलावा 401 नगरीय निकायों में 368 सेंट्रलाइज यूनिट भी हैं, जहां पर गीले कचरे को कम्पोस्टिंग जरिए से प्रोसेस करके खाद बनाया जाता है। इसके साथ ही 360 मटेरियल रिकवरी, फैसिलिटी यूनिट भी स्थापित की गई है।