नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (RTI) आम आदमी की ताकत है, लेकिन कभी-कभी सूचना देने के ये मामले दंग कर देते हैं। एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में सामने आया है। सूचना के अधिकार के एक कार्यकर्ता ने अपने सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में अधिकारियों से मिली करीब 8500 पन्नों की सूचनाओं को ले जाने के लिए एक बैलगाड़ी का इस्तेमाल करते हुए देखा गया।
कार्यकर्ता ढोल की थाप पर कागजों वाली बैलगाड़ी में जिले के बैराड गांव स्थित अपने आवास पर पहुंचा। इससे स्थानीय लोगों में अफरातफरी मच गई। आरटीआई कार्यकर्ता माखन धाकड़ ने कहा कि उन्होंने दो महीने पहले बैराड नगर पंचायत में कथित घोटालों का पर्दाफाश करने के लिए आरटीआई के जरिए जवाब मांगा था। सूचना नहीं मिलने पर उन्होंने भोपाल व अन्य जगहों पर गुहार लगाई।
MP: Activist takes 8500 pages of RTI information on bullock cart amid beating of drums in Shivpuri
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12000 पेज की जानकारी
उनकी अपील पर कार्रवाई करते हुए सूचना आयुक्त कार्यालय भोपाल ने कहा कि उन्हें सूचना उपलब्ध कराई जाए। कार्यकर्ता ने कहा, ‘उसके बाद मुझे 12000 पेज की जानकारी के लिए 25000 रुपये जमा करने के लिए कहा गया। मैंने कर्ज लिया और पैसे जमा कर दिए। पैसा जमा करने के बाद भी मुझे अधूरी जानकारी मिली है।’
पन्नों को गिनने में दो घंटे लग गए
धाकड़ ने कहा कि वह बैलगाड़ी पर बैराड नगर परिषद कार्यालय पहुंचे और पन्ने गिनने के लिए अपने चार दोस्तों को साथ ले गए। उन्होंने कहा, “पृष्ठों को गिनने में दो घंटे लग गए।” उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी विभिन्न योजनाओं में गलत कामों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं और वह जानकारी का अध्ययन करेंगे और अदालत का रुख करेंगे। धाकड़ ने कहा कि सूचना मिलने के कार्यक्रम को उन्होंने एक तरह के उत्सव में बदलने का फैसला किया और नगर पंचायत कार्यालय से ढोल की थाप पर अपने घर बैलगाड़ी में सवार होकर पहुंचे।