मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पुल पर बाढ़ का पानी आने से एक गर्भवती महिला अस्पताल नहीं पहुंच सकी। करीब 2 घंटे तक रास्ते में तड़पते हुए महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ससुराल में रास्ता खराब होने की वजह से वह मायके में रहने पहुंची थी। ये घटना रविवार देर रात भनिगवां गांव की है। परिजनों का कहना है कि शव ले जाने में भी 40 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ा। सोमवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद परिजनों ने इस मामले में आवाज उठाई है।
बाढ़ की वजह से महिला ने तोड़ दिया दम
दरअसल, जवा तहसील के भनिगंवा गांव की रहने वाली प्रिया रानी कोल जो कि सोनू कोल की पत्नी थी। उसकी प्रेगनेंसी के दौरान अचानक तबियत बिगड़ गई। परिजन उसे जवा अस्पताल लेकर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में महना नदी का उफान तेज था। इसलिए सभी लोग नदी के एक तरफ ही अटके रहे। इसी दौरान करीब एक दो घंटे तक प्रिया रानी कोल तड़पती और परेशान होती रही। हालांकि इस दौरान गांव के ही डाक्टर (झोलाछाप) को बुलाकर लाया गया और महिला को दिखाया गया। डाक्टर ने महिला की जांच की तो वह मर चुकी थी।
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बाढ़ की वजह से नहीं पहुंच सके अस्पताल
परिजनों ने ने किसी तरह प्रिया रानी को मायके से ससुराल ले जाया गया। वहीं मायके से ससुराल जाने में 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। वहीं दुर्भाग्य देखिए मायके से ससुराल तक पहुंचने के लिए भी प्रियारानी के शव को संघर्ष करना पड़ा। मृतका के जेठ राधेश्याम कोल का कहना है कि प्रियारानी के पहले से एक बेटा है। वह करीब 8,9, महीने की गर्भवती थी। बाढ़ के चलते अस्पताल पहुंचने में काफी दिक्कतें आई और ज्यादा तबीयत खराब होने से प्रियारानी की मौत हो गई।
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ससुराल में शव का हुआ अंतिम संस्कार
ससुर भोलानाथ कोल ने बताया कि बाढ़ के चलते उफान आने के कारण परिवार करीब 40 किलोमीटर का चक्कर काटकर शव को मायके से ससुराल लेकर आया गया है। उनहोंने बताया कि वह ससुराल में भी रोड न होने के कारण वह मायके चली गई थी। वह चाहती थी मायके में सुरक्षित डिलीवरी हो जाएं। लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि अंतिम संस्कार रोड न होने के कारण शव को बड़ी मुश्किल से ससुराल ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया।