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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश ने साल 2024 में बनाए 5 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड; दुनियाभर में मिली खास पहचान

MP Made 5 World Records in 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि इस साल मध्य प्रदेश ने 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए है।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Dec 31, 2024 11:40
MP Made 5 World Records in 2024

MP Made 5 World Records in 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बीते दिन प्रदेश द्वारा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में बताया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश देश सांस्कृतिक ऊंचाई के नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल मध्य प्रदेश ने 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए और राज्य की संस्कृति और कला को वैश्विक पहचान दिलाई। इसके साथ ही मध्य प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन ने भी एक नया इतिहास रचा है। इसमें सबसे बड़ा योगदान राज्य के सांस्कृतिक संवहन का है।

प्रदेश की संस्कृति को मिली खास पहचान

प्रदेश में सांस्कृतिक संवहन के तहत हर साल अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह और तानसेन समारोह आयोजन किया जाता है। हमारे देश में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा के गौरव को संभाल कर रखा जाता है। इस साल इन सांस्कृतिक आयोजनों में नई पीढ़ी ने हिस्सा लिया और राज्य ने कथक कुंभ, गीता पाठ, उज्जैन डमरू वादन, ताल दरबार और शास्त्रीय बैंड में 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। जिससे दुनियाभर में मध्य प्रदेश की संस्कृति और कला को पहचान मिली।

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मध्य प्रदेश का पहला वर्ल्ड रिकॉर्ड

सीएम मोहन यादव ने बताया कि इस साल संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में तानसेन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में ग्वालियर किले की प्राचीर पर ‘ताल दरबार’ में 1282 तबला साधकों ने वंदे मातरम की धुन पर अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया। इससे मध्य प्रदेश के शास्त्रीय संगीत को सिर्फ दुनिया भर में पहचान मिली। बता दें कि राज्य का नाम पहली बार 25 दिसंबर 2023 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था।

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साल 2024 में बनाए वर्ल्ड रिकॉर्ड

उन्होंने आगे बताया कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहों में अन्तर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान ‘राग बसंत’ की लय पर 1484 कथक डांसर ने कदमों थिरकते हुए 20 फरवरी 2024 को प्रदेश द्वारा दूसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। वहीं, श्रावण महीने के दौरान उज्जैन में भगवान श्रीमहाकालेश्वर पालकी में महाकाल लोक के शक्तिपथ पर 1500 से अधिक डमरू वादकों ने एक साथ एक समय पर एक लय के साथ डमरू बजाया और राज्य के नाम तीसरा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज किया। इसके अलावा 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती के अवसर पर 1721 आचार्य और बटुकों ने श्रीमद्भगवद गीता के तीसरे ध्याय कर्मयोग का सस्वर पाठ किया और चौथा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। वहीं, इस साल तानसेन समारोह में स्वर सम्राट तानसेन को स्वराजंलि अर्पित करते हुए शास्त्रीय बैंड के 546 कला साधकों ने 9 शास्त्रीय वाद्यों के साथ पांचवी बार राज्य का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया। इन 9 शास्त्रीय वाद्यों में सारंगी, हारमोनियम, वायलेन, पखावज, संतूर, तबले, सरोद, बांसुरी, शहनाई और तबला शामिल था। इन सभी 9 शास्त्रीय वाद्यों को एक साथ एक सुर में बजाया गया था।

First published on: Dec 31, 2024 10:07 AM

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