Madhya Pradesh Jabalpur High Court Ruled Against Junior Officer Promotion: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के मुताबिक, मंत्री चहेते अफसरों को प्रमोट नहीं कर सकेंगे। कोर्ट का कहना है कि मंत्री वरिष्ठता को नजरअंदाज कर किसी भी कर्मचारी या अधिकारी का प्रमोशन नहीं कर सकेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सीनियर को नजरअंदाज कर जूनियर को प्रमोशन देना ‘असंवैधानिक’ है। कोर्ट ने यह फैसला एक जूनियर अधिकारी को प्रमोट करने संबंधी याचिका पर सुनाया।
एआईजी राजेन्द्र कुमार वर्मा को वरिष्ठता प्रदान करने का आदेश
दरअसल, गृह सचिव ने 17 नवंबर, 2016 को एक आदेश जारी कर एआईजी राजेन्द्र वर्मा की जगह पुलिस अधिकारी अजय पांडे और संजय अग्रवाल को वरिष्ठता दे दी थी। इसके बाद राजेन्द्र वर्मा ने कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने सीएम सुरक्षा में रहे पुलिस अधिकारी अजय पांडे और जबलपुर एसपी डॉ. संजय अग्रवाल पर जुर्माना भी लगाया गया है। याचिकाकर्ता अधिकारी राजेन्द्र वर्मा के जूनियर पर 25-25 हजार का जुर्माना भी ठोका गया है।
वरिष्ठता के सभी लाभ देने के निर्देश
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ बैंच ने यह फैसला सुनाया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पुलिस अधिकारी एआईजी राजेन्द्र कुमार वर्मा को वरिष्ठता प्रदान करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्हें वरिष्ठता के सभी लाभ भी देने के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, राजेन्द्र वर्मा को सितंबर 1997 में एएसपी का पद दिया गया था, जबकि अजय पांडे और डॉ. संजय अग्रवाल को 1998 में इस पद पर पदस्थ किया गया था। इसके बाद जब प्रमोशन की बारी आई तो राजेन्द्र वर्मा की वरिष्ठता के बजाय इन जूनियर अफसरों को वरीयता दे दी गई। राजेन्द्र वर्मा ने इस मामले पर हाईकोर्ट का रुख किया था।