Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के निवर्तमान जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण ने मंगलवार को अपने विदाई समारोह के दौरान बड़ा बयान दिया है। जज के इस बयान की हर तरफ चर्चा हो रही है। जज ने भावुक होते हुए कहा कि परेशान करने और बुरे इरादे के साथ उनका ट्रांसफर किया गया है। इस दौरान जस्टिस रमण काफी भावुक नजर आए।
‘ईश्वर न तो क्षमा करता है न भूलता है’
जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण ने कहा कि 2023 में गृह राज्य आंध्र प्रदेश से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में उनका ट्रांसफर किया गया। यह ट्रांसफर दुर्भावना और परेशान करने के लिए किया गया है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना ट्रांसफर करने वालों के लिए कहा कि मैं उनके अहंकार के लिए संतुष्ट होने के लिए खुश हूं। अब वे रिटायर हो चुके हैं। ‘ईश्वर न तो क्षमा करता है न भूलता है’। उन्हें दूसरे तरीके से भी कष्ट उठाना पड़ेगा।
In Retirement Speech, MP High Court Judge Criticises Supreme Court Collegium For Transferring Him; Says It Was “Ill-Intentioned”https://t.co/IO6waJvkRw
— Live Law (@LiveLawIndia) May 20, 2025
---विज्ञापन---
पत्नी के इलाज के लिए किया था निवेदन
जस्टिस दुप्पला वेंकट रमण ने कहा कि मैंने आंध्र के बाद दूसरे विकल्प के रूप में कर्नाटक राज्य में ट्रांसफर चाहा था, ताकि मेरी पत्नी को बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार नहीं किया। मैंने 1 नंवबर 2023 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला था। 19 जुलाई 2024 और 28 अगस्त 2024 को एक आवेदन भेजा, लेकिन उस पर न तो विचार किया और न ही खारिज किया गया।
जस्टिस रमण 2 जून को हो रहे रिटायर
जस्टिस ने आगे कहा कि मैंने दूसरा आवेदन भी भेजा, लेकिन न तो उस पर विचार किया गया और न ही खारिज किया गया। मेरे जैसे न्यायाधीश सकारात्मक मानवीय विचार की अपेक्षा करते हैं। मौजूदा चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई विचार कर सकते हैं, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। बता दें कि जस्टिस मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के जस्टिस हैं। जस्टिस रमण 2 जून को रिटायर हो रहे हैं। मंगलवार को अपने फेयरवेल को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।