MP News: मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब बच्चों को वीर सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए सिलेबस में वीर सावरकर से जुड़ा पाठ होगा जिसमें उनकी गाथा पढ़ाई जाएगी। इसके अलावा भगवद गीता संदेश, भगवान परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के बारे में भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार इंदर सिंह परमार ने कहा कि वीर सावरकर पहले लेखक थे जिन्होंने 1857 आंदोलन को ‘स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था। भारत की आज़ादी में उनका अपूरणीय योगदान है और इसलिए उनको सम्मान मिलना चाहिए।
इंदर सिंह परमार ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकारों ने भारत के क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी। विदेश आक्रांताओं को महान लिखा गया। हम बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे इसलिए नए पाठ्यक्रम में हम उनके बारे में जोड़ेंगे।
#WATCH | Madhya Pradesh government to include chapter on Veer Savarkar in school syllabus.
---विज्ञापन---Unfortunately, Congress did not teach about the true revolutionaries of India. We will include biographies of true heroes and the new syllabus will include Veer Savarkar, Bhagavad Gita… pic.twitter.com/rwgPOfgtu5
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 29, 2023
पाठ्यक्रम में इन क्रांतिकारियों को भी किया जाएगा शामिल
मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हम सच्चे नायकों की जीवनियां शामिल करेंगे और नए पाठ्यक्रम में वीर सावरकर, भगवद गीता संदेश, भगवान परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और अन्य शामिल होंगे।
बता दें कि पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने अपने सिलेबस में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को शामिल किया था। बोर्ड परीक्षाओं के स्टूडेंट्स अब सिलेबस में अनिवार्य रूप से ‘वीर सावरकर’ की जीवनी पढ़ेंगे।
जानें कौन थे वीर सावरकर?
वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) एक हिंदू राष्ट्रवादी नेता और क्रांतिकारी थे। 1910 में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। 1911 में वीर सावरकर को 50 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। वे 13 साल तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सेलुलर जेल (काला पानी) में बंद रहे। उन्होंने 1921 में ‘एसेंशियल्स ऑफ हिंदुत्व’ नाम की किताब लिखी थी।