Madhya Pradesh Farmer Success Story: आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि ‘परिवर्तन ही संसार का नियम है’ और जो व्यक्ति समय के साथ बदलना सीख जाता है, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अटेर के ग्राम ऐंतहार में रहने वाले एक किसान ने परंपरागत खेती को छोड़कर वीएनआर अमरूद बागवानी शुरू की और अब उसी से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।
आधुनिक कृषि, समृद्ध किसान
—
⏩पिछले 10 सालों में उर्वरक सब्सिडी में 3.5 गुना बढ़ोत्तरी@CMMadhyaPradesh #JansamparkMP pic.twitter.com/bFLSka74qA---विज्ञापन---— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) February 22, 2024
परंपरागत खेती को छोड़कर शुरू की बागवानी
इन दिनों देश के किसानों में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देते हुए देश के कई किसान अपनी परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी कर रहे हैं और लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। इन्हीं लखपति किसानों की सूची में ग्राम ऐंतहार के रहने वाले किसान डीपी शर्मा भी शामिल हो गए हैं। किसान डीपी शर्मा वीएनआर अमरूद के बगीचे से हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में एजुकेशन सिस्टम बदलेगा, मोहन यादव सरकार ने प्लान तैयार किया, जानें क्या होंगे फायदे?
सफलता की कहानी किसान की जुबानी
किसान डीपी शर्मा ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र और उद्यानिकी विभाग से मिले सुझाव से उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर वीएनआर अमरूद का बगीचा लगाया। आज उनके इस बगीचे में 550 अमरूद पेड़, 100 करौंदा के पौधे, 50 नींबू के पेड़ और 11 कटहल पेड़ हैं। डीपी शर्मा ने बताया कि उनके बगीचे में उद्यानिकी विभाग भिंड की तरफ से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी लगवाया गया है। बता दें कि ड्रिप से पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी और खाद देने में मदद मिलती है। किसान डीपी शर्मा ने बताया है कि आज बगीचे में वीएनआर अमरूद की पैदा बहुत ज्यादा है, एक अमरूद का वजन 400 ग्राम से लेकर 650 ग्राम तक है। डीपी शर्मा के मानने तो बागवानी में पानी की काफी बचत होती है। इसलिए बागवानी करना खेती के मुकाबले में एक अच्छा विकल्प है।