CM Mohan Yadav Get Emotional For Father: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में पिता पूनमचंद यादव को खोया है। पूनमचंद यादव के निधन के बाद से उज्जैन के उनके निजी निवास पर लगातार लोगों का आना लगा हुआ है। यहां पिता पूनमचंद यादव के संस्मरण के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव काफी भावुक हो गए। यहां उन्होंने अपने पिता के साथ ही यादों को लोगों के साथ साझा किया। सीएम मोहन यादव ने बताया कि उनके पिता ने हमेशा राजनेता को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को लेने से मना किया है। उन्होंने बताया कि उज्जैन विकास प्राधिकरण के चेयरमेन बनने से लेकर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके पिता ने कभी सरकारी सुविधा लाभ उठाया है।
“शरीर नाशवान है, यह सत्य है”
---विज्ञापन---लेकिन, सच्चे अर्थों में पूज्य पिताजी आज भी जीवित हैं। उनकी अमूल्य शिक्षा और उनके द्वारा दिए गए मूल्य, जीवन भर हमारे साथ रहेंगे। उनकी शिक्षाएँ हमारी मार्गदर्शक बनी रहेंगी। pic.twitter.com/cXsVx3dIxI
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 5, 2024
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‘किसी को दुख मत पहुंचाना’
सीएम मोहन यादव ने कहा कि जब वह विधायक का चुनाव जीतकर आए थे, तो उन्होंने सबसे पहले अपने पिताजी के पैर छुए थे। इस दौरान उनके पिता ने कहा कि जीत गए अच्छी बात है लेकिन हमेशा स्वाभिमान की जिंदगी जीना। कभी किसी के पैरों में मत गिरना। अपने कर्म और दम के आधार पर हमेशा आगे बढ़ना। क्योंकि मेहनत से किया गया काम एक दिन जरूर रंग लाता है और आपको ऊंचाई तक पहुंचाता है। सीएम मोहन यादव ने आगे बताया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री बनने पर अपने पिता से आशीर्वाद लेने गए, तो उन्होंने कहा कि अच्छा काम करना, लोगों का भला करना। किसी को दुख मत पहुंचाना।
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‘हमेशा आशीर्वाद के साथ दी नई सीख’
सीएम मोहन यादव ने कहा कि उनके पिताजी हमेशा आशीर्वाद के साथ एक नई सीख दिया करते थे। उन्होंने अपने आखिरी समय तक खुद ही काम किया है। उन्होंने कभी भी लोगों से यह नहीं कहा कि वह विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री का पिता है। पूरी जिंदगी उन्होंने एक सामान्य व्यक्ति का जीवन जीया है। सीएम मोहन यादव ने बताया कि जब उन्होंने अपने पिता से उनके मुख्यमंत्री निवास में रहने के लिए कहा तो उनके पिता ने साफ मना कर दिया। साथ ही कहा कि आज तक वह कभी सरकारी कार में नहीं बैठे तो सरकारी में कैसे रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि तुम जाओं और वहां रहकर लोगों की सेवा करते रहो।