Parisiman Ayog: मध्य प्रदेश में नए जिला और तहसील बनने के कारण सीमाएं घट-बढ़ गई हैं। कोई डिवीजन बहुत बड़ा हो गया तो कोई छोटा हो गया है। यही कंडीशन अब जिलों को लेकर भी है। इससे आमजन और राजस्व प्रशासन में आ रही परेशानियों को देखते हुए डिवीजन, जिला और तहसील की सीमाओं को पुनर्निर्धारण किया जाएगा। सीमाओं का सही-सही निर्धारण होने से आमजन के साथ ही राजस्व प्रशासन को भी आसानी होगी।
इसके लिए सरकार ने परिसीमन आयोग बनाया है। सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को इसका सदस्य बनाया है, जो डिवीजन और जिला का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आयोग बनाने की जानकारी देते हुए कहा कि जब हमने सरकार बनाई, तो इस बात पर ध्यान दिया कि भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते मध्य प्रदेश का अपना क्षेत्रफल तो है लेकिन समय के साथ इसमें कुछ कठिनाइयां भी हैं। जिले तो बढ़ गए, लेकिन जिलों की सीमाओं को लेकर कई विसंगतियां हैं। सागर, इंदौर, धार ऐसे जिले हैं, जिनमें बड़ी परेशानियां हैं।
हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास और प्रशासनिक सुधार के लिए नए परिसीमन आयोग का गठन किया है…
जिलों और संभागों का पुनः परीक्षण कर, हम आपकी भलाई के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की नींव रख रहे हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश का हर कोना प्रगति की ओर बढ़े। pic.twitter.com/Y8iORreWFc
---विज्ञापन---— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) September 9, 2024
कई डिवीजन बहुत छोटे हो गए हैं। इन्हें दूर करने के लिए परिसीमन आयोग (Parisiman Ayog) बनाया है, जिसके जरिए आस-पास के स्थानों को एक जिले से जोड़कर व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। संभागों और जिलों का फिर से निरीक्षण किया जाएगा।
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