Bhopal Gas Tragedy Toxic Waste: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक राहत भरी खबर सामने आई है। दरअसल, 40 साल से भोपाल में पड़ा हुआ गैस त्रासदी का जहरीला कचरा अब खत्म होने जा रहा है। भोपाल गैस त्रासदी की जड़ कहे जाना वाला यूनाइटेड कार्बाइड कारखाने में पड़ा बेहद घातक जहरीले कचरे को साफ कर पीथमपुर भेजा जाएगा। कारखाने में कुल 337 मेट्रिक टन जहरीले कचरे का ढेर है, जिसे महीने के अंदरा पीथमपुर के लिए रवाना किया जाएगा।
भोपाल
---विज्ञापन---राजधानी को बड़ी राहत और बड़ी खबर..
भोपाल गैस त्रासदी का जहरीला कचरा 40 साल बाद होगा खत्म..
---विज्ञापन---भोपाल गैस त्रासदी की जड़ यूनाइटेड कार्बाइड कारखाने में पड़ा बेहद घातक जहरीला कचरा…
337 मेट्रिक टन जहरीले कचरे को पीथमपुर किया जाएगा एक माह के अंदर रवाना… pic.twitter.com/m0QmdAFh5z
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) July 28, 2024
126 करोड़ रुपये में खत्म होगा जहरीला कचरा
राज्य की राजधानी से घातक जहरीले कचरे को बाहर निकालने के लिए भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड और प्रीतमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड समेत बाकी विभागों ने तैयारी पूरी कर ली है। इस जहरीले कचरे को यू का फैक्ट्री से इंसिनेटर तक पहुंचाने और निपटने के लिए वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से 126 करोड़ रुपये किया जारी किए है।
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वैज्ञानिकों की सुरक्षा में रवाना होगा कचरा
यूनाइटेड कार्बाइड कारखाने में पड़े इस जहरीले कचरे को रवाना करते वक्त भारी वैज्ञानिक की सुरक्षा और स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स तैनात रहेगी। इस कैमिकल वेस्ट को खत्म करने लिए साल 2003 में निरीक्षण समिति ने फैसला लिया था। इस कचरे के निष्पादन से जुड़े सभी प्रोसेस का 9 साल पहले ही ट्रायल किया चुका है। साल 2004 से कारखाने के जहरीले कचरे के निपटारन का मामला उलझ हुआ था।