Madhya Pradesh News: देशभर में महिलाओं के साथ बर्बरता के कई मामले सामने आते हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब लोग छोटे बच्चे, बच्चियों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। पिछले 4 दिनों में मध्य प्रदेश के भोपाल में बाल यौन शोषण के कई मामले सामने आए हैं। स्कूल में शिक्षक ने छात्र को धमका कर उसकी आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड कर ली। पिछले दिनों इस तरह के कई मामले दर्ज किए हैं।
टीचर ने रिकॉर्ड की वीडियो
भोपाल के एक निजी स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया। जहां पर 16 साल के एक छात्र को उसके टीचर ने फेल करने की धमकी दी। छात्र को धमकाकर टीचर ने उसके कई वीडियो रिकॉर्ड किए। इस बात का खुलासा तब हुआ जब दूसरे टीचर ने किशोर से कम नंबर के बारे में पूछा। छात्र ने पूरी बात उनको बता दी। प्रिंसिपल को जानकारी दी गई, इसके बाद पुलिस में आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई की गई।
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स्कूल वैन चालक ने किया यौन शोषण
भोपाल में दूसरी घटना शनिवार की है, जब एक 5 साल की लड़की का स्कूल वैन चालक ने यौन शोषण किया। जब बच्ची घर पर रोते हुए घर पहुंची तो पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। शिकायत के बाद बाल कल्याण समिति (CWC) ने ज्यादा जानकारी के लिए बच्ची के साथ काउंसलिंग का समय तय किया। फिलहाल ड्राइवर पुलिस की हिरासत में है। जानकारी के मुताबिक, अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
स्कूल में 3 साल की बच्ची का शोषण
एक अन्य निजी स्कूल में 3 साल की लड़की के साथ उसके टीचर ने यौन शोषण। जब लड़की घर पहुंची तो उसकी मां ने शरीर पर कुछ निशान देखे। जिसे ये सोचकर छोड़ दिया गया कि खेलते वक्त लग गए होंगे। लेकिन बाद में जब बच्ची से बात की गई तो उसने सब बताया। जिसके बाद इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई। आरोपी टीचर ने अपना जुर्म कबूल लिया, अभी वो पुलिस की गिरफ्त में है।
7 साल की बच्ची का यौन शोषण
इस सब मामलों से अलग एक मामला टीकमगढ़ से सामने आया। जहां पर 7 साल की लड़की का यौन शोषण किया गया। आशीष तिवारी नामक एक के स्थानीय व्यक्ति के खिलाफ बच्ची की मां ने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया, इसके बाद आरोपी को उसके पद से हटा दिया। हालांकि तिवारी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
इस तरह के मामले सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इन घटनाओं की निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसके अलावा इस तरह के मुकदमों में तेजी लाने के लिए एक विशेष अदालत लाने की योजना का ऐलान किया गया है।
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