मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के अस्पताल में उस वक्त खलबली मच गई, जब अस्पताल में अचानक से उल्टी और दस्त से परेशान मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। अस्पताल में एक हफ्ते पहले 350 से ज्यादा ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की वजह से भर्ती कराया गया। ऐसा लग रहा है कि पूरे ग्राम में उल्टी और दस्त का प्रकोप है। इस बीच तबियत खराब होने से एक महिला की मौत भी हो गई है। माना जा रहा है कि गांव के लोगों की बीमारी का कारण दूषित पानी है। क्षेत्र के लोगों की हालत देखते हुए इस मामले से जुड़े तहसील अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी।
खरगोन
---विज्ञापन---पानी बना जहर , 40% ग्रामीण उल्टी दस्त का शिकार
खरगोन जिला के झिरन्या के ग्राम मिटावल में दूषित पानी से, एकहफ्ते पहले 350 से ज्यादा ग्रामीण बीमार
---विज्ञापन---मामले में खंडवा जिला अस्पताल में उपचारत मंजू बाई पति हरीराम ओसवाल उम्र 35 वर्षीय की मौत हुई pic.twitter.com/cB3jm7WJQ4
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) May 20, 2025
उल्टी-दस्त से एक महिला की मौत
यह मामला खरगोन जिले के झिरन्या थानाक्षेत्र के ग्राम मिटावल का है। मिटावल में दूषित पानी की वजह से एक हफ्ते पहले 350 से ज्यादा ग्रामीण बीमार पड़े थे। सभी ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत थी। कई ग्रामीणों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इसी तरह खंडवा जिला अस्पताल में हरीराम ओसवाल की पत्नी मंजू बाई (35) भी भर्ती थी। यहां इलाज के दौरान मंजू बाई ने दम तोड़ दिया। महिला खेती का काम करती थी, उसकी 2 साल की बेटी है। ग्रामीणों का कहना है कि दूषित पानी उनके लिए जहर बन गया है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों में भय का माहौल बना है।
40% लोग उल्टी-दस्त के शिकार
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम मिटावल के सरपंच, सचिव और पीएचई के उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पानी की टेस्टिंग के लिए सैंपल भी भेज दिए गए हैं। लेकिन शुरुआती जांच में सामने आया है कि पानी में क्लोरीन का काम नहीं किया गया था, जिसकी वजह से ग्रामीणों की तबियत खराब हो गई। वहीं, कुएं के पास गंदगी का आलम भी पसरा हुआ था। हालांकि मामले में अभी भी करीब 40% लोग उल्टी-दस्त के शिकार हुए हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कैंप लगाकर इलाज किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी मामले में लापरवाही बढ़ती जा रही है।
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क्या बोले जिला सीईओ?
मामले की जब न्यूज24 के रिपोर्टर के द्वारा स्थानीय जनपद सीईओ से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मामले में दूषित पानी पीने से नागरिकों के स्वास्थ्य बिगड़ा था। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा था। लेकिन खंडवा जिला अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत हुई है, जिसकी जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद पूछताछ होगी।