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मध्य प्रदेश

करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर FIR के खिलाफ हंगामा, पुलिसवालों से भी धक्का-मुक्की

मंदसौर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जीवन सिंह शेरपुर पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ एसपी कार्यालय का घेराव किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई, जिसके बाद वाटर कैनन चलाना पड़ा। जीवन सिंह का कहना है कि जब तक FIR वापस नहीं ली जाती, हम पीछे हटने वाले नहीं है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jul 5, 2025 16:46
Mandsaur
मध्य प्रदेश के मंदसौर में करणी सेना परिवार का हंगामा (Photo Souce- Social media)

मध्य प्रदेश के मंदसौर में करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह पर एफआईआर के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, पुलिस से झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने करणी सेना परिवार के कार्यकर्ताओं को भगाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। कार्यकर्ता इस बात की ज़िद पर अड़े थे कि जीवन सिंह पर दर्ज एफआईआर वापस ली जाए।

करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर पर मंदसौर जिले के भावगढ़ में एफआईआर दर्ज है। इसी के खिलाफ हजारों समर्थकों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान खुद जीवन सिंह भी वहां मौजूद थे। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और उन्हें भगाया।

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क्यों दर्ज हुई है एफआईआर?

जीवन सिंह शेरपुर पर आरोप लगा है कि उनके साथियों ने शराब ठेके पर पहुंचकर ठेका कर्मचारियों से एक लाख रुपए महीना रंगदारी मांगी। जब ठेका कर्मचारियों ने रंगदारी देने से मना किया तो उनके साथ मारपीट की गई। इतना ही नहीं, जातिसूचक गालियाँ देने का भी आरोप है।

SC-ST एक्ट, रंगदारी और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज

इसके बाद मामले को लेकर SC-ST एक्ट, रंगदारी और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज हुआ। यह घटना 26 जून को भावगढ़ थाना क्षेत्र के बेहपुर गांव की है। उसी दिन एफआईआर भी दर्ज हुई थी। मारपीट का वीडियो भी सामने आया। इसके बाद मंदसौर कोर्ट ने जीवन सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके विरोध में आज जीवन सिंह कार्यकर्ताओं के साथ एसपी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान मीडियाकर्मियों से भी करणी सेना कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी की।

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जीवन सिंह ने कहा है कि जब तक एफआईआर वापस नहीं ली जाती और एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रशासन जानबूझकर उन्हें अपराधी बनाना चाहता है। वे आरोपियों को जानते ज़रूर हैं, लेकिन उनका कोई लेना-देना नहीं है।

First published on: Jul 05, 2025 04:46 PM

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