मध्य प्रदेश के मंदसौर में करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह पर एफआईआर के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, पुलिस से झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने करणी सेना परिवार के कार्यकर्ताओं को भगाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। कार्यकर्ता इस बात की ज़िद पर अड़े थे कि जीवन सिंह पर दर्ज एफआईआर वापस ली जाए।
करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर पर मंदसौर जिले के भावगढ़ में एफआईआर दर्ज है। इसी के खिलाफ हजारों समर्थकों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान खुद जीवन सिंह भी वहां मौजूद थे। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और उन्हें भगाया।
क्यों दर्ज हुई है एफआईआर?
जीवन सिंह शेरपुर पर आरोप लगा है कि उनके साथियों ने शराब ठेके पर पहुंचकर ठेका कर्मचारियों से एक लाख रुपए महीना रंगदारी मांगी। जब ठेका कर्मचारियों ने रंगदारी देने से मना किया तो उनके साथ मारपीट की गई। इतना ही नहीं, जातिसूचक गालियाँ देने का भी आरोप है।
SC-ST एक्ट, रंगदारी और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज
इसके बाद मामले को लेकर SC-ST एक्ट, रंगदारी और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज हुआ। यह घटना 26 जून को भावगढ़ थाना क्षेत्र के बेहपुर गांव की है। उसी दिन एफआईआर भी दर्ज हुई थी। मारपीट का वीडियो भी सामने आया। इसके बाद मंदसौर कोर्ट ने जीवन सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके विरोध में आज जीवन सिंह कार्यकर्ताओं के साथ एसपी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान मीडियाकर्मियों से भी करणी सेना कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी की।
करणी सेना प्रमुख श्री जीवन सिंह जी शेरपुर के समर्थन में मंदसौर SP कार्यालय का घेराव!
दिनांक- 05 जुलाई 2025 को मंदसौर @JSherpur @SKaluheda#करणी_सेना_परिवार pic.twitter.com/QvT0QWTnhM
— Bhanwar Devendra Singh Rathore (@DSRjodha) July 5, 2025
जीवन सिंह ने कहा है कि जब तक एफआईआर वापस नहीं ली जाती और एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रशासन जानबूझकर उन्हें अपराधी बनाना चाहता है। वे आरोपियों को जानते ज़रूर हैं, लेकिन उनका कोई लेना-देना नहीं है।