MP Politics: ग्वालियर में प्रियंका गांधी की सभा के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा। जिस पर सिंधिया ने पहली बार कांग्रेस पर सीदा निशाना साधा है। उन्होंने ग्वालियर-चंबल से आने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर भी सीधा हमला बोलते हुए कहा कि इन नेताओं से आज ग्वालियर की बदलती हुई सूरत देखी नहीं जा रही है।
उनको जो कहना है कहने दो
दरअसल, प्रियंका गांधी के दौरे के दौरान सिंधिया परिवार को गद्दार कहे जाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा ‘ उन लोगो की जैसी भूमिका है, वह निभाएंगे। उन्होंने इतिहास का एक पन्ना भी नहीं पढ़ा है, इसलिए उनको जो कहना है कहने दो मेरा कर्म मेरी सोच मेरी विचारधारा मेरे परिवार की सोच ग्वालियर के प्रति समर्पित है, इस संभाग के प्रति समर्पित है। मध्यप्रदेश के लिए समर्पित है, देश के लिए समर्पित है। इसलिए मुझे किसी के प्रमाण पत्र लेने की जरुरत नहीं है।’
इतनी चिंता थी तो कांग्रेस में क्यों लिया
सिंधिया ने कहा ‘मुझे किसी के खासकर मंच पर बैठे हुए लोगो से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है, उनको इतनी चिंता थी तो मेरे पूज्य पिताजी (माधवराव सिंधिया) को कांग्रेस ने क्यों लिया, इतनी चिंता थी तो मुझे कांग्रेस में क्यों लिया। अब जब आंखों में खटक रही है, जो भी दुर्भावना है, मुंह से प्रकट हो रही है। मैंने कभी भी व्यक्तिगत राजनीति नही की है, ना मैं करूंगा, उनको उनकी सोच मुबारक। मैं उसी आधार पर काम करूंगा जिस रास्ते पर मेरे आजी अम्मा और मेरे पूज्य पिताजी चले है।’
उपचुनाव में जनता का निर्णय कांग्रेस ने देख लिया
वहीं ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस नेताओं के बड़े अंतर से जीत के दावों पर सिंधिया ने कहा ‘कांग्रेस ने खुद देख लिया उपचुनाव में जनता ने क्या निर्णय लिया था। वर्तमान में अधिकतम सीट ग्वालियर चंबल अंचल की बीजेपी के पास हैं। कांग्रेस के उपचुनाव में अपना पूर्ण बेस समाप्त कर लिया। ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस 26 सीट पर थी आज 16 सीट पर टिक चुकी हैं। किस भाव की बात कांग्रेस कर रही हैंस, उनकोअपना भाव मुबारक, चुनाव में जनता निर्णय लेगी। जो जनता निर्णय लेगी वह सिर माथे, हम अपने धर्म और कर्म के मार्ग पर चलेंगे।’
ग्वालियर का विकास खटक रहा
सिंधिया ने कमलनाथ-दिग्विजय सिंह, गोविंद सिंह का नाम लिए बिना कहा मंच पर जो दूसरे लोग थे, उनको ग्वालियर का बदलती हुई सूरत खटक रही है। वे भी पूर्व में ग्वालियर में केवल मेहमान की तरह आते थे, कल के कार्यक्रम में कई नेता जो मंच साझा कर रहे थे, कार्यक्रम समाप्त होते ही वापस चले गए अगर कांग्रेस की सरकार होती तो क्या नया एयरपोर्ट संभव होता?, क्या रेलवे स्टेशन संभव होता?, क्या एलिवेटेड रोड संभव होता?, क्या आईएसबीटी संभव होता?, क्या हजार बिस्तर का अस्पताल संभव होता? लेकिन शिवराज जी की सरकार और मोदी जी की सरकार विकास पर केंद्रित है। ग्वालियर के बदलते स्वरूप के गवाह आप लोग स्वयं हैं।’