ब्राह्मण बेटियों को लेकर अभद्र टिप्पणी करने वाले IAS अधिकारी संतोष वर्मा पर आखिरकार सरकार की गाज गिर गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने उन्हें कृषि विभाग के उप सचिव पद से हटा दिया है. साथ ही उन्हें जीएडी पूल में बिना विभाग और बिना कार्य के अटैच कर दिया गया है. वहीं, वर्मा की बर्खास्तगी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 18 दिनों में संतोष वर्मा तीन बार विवादित बयानों को लेकर चर्चा में आए थे. उनके ताजा बयान ने सवर्ण और ब्राह्मण संगठनों में तीखी नाराजगी पैदा कर दी थी. इसके बाद कई जगह प्रदर्शन हुए और सरकार पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा. मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर इस मसले को संज्ञान में लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग को तुरंत एक्शन लेने के निर्देश दिए.
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फर्जी दस्तावेज से प्रमोशन लेने का भी आरोप
सिर्फ बयानबाजी ही नहीं, वर्मा के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर भी गंभीर आरोप हैं. विभागीय जांच में यह पाया गया है कि उन्होंने राज्य प्रशासनिक सेवा से IAS पद पर प्रमोशन के लिए जाली व फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग किया था. उनके खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण विभिन्न अदालतों में लंबित हैं. सूत्रों का कहना है कि विभाग ने इन आरोपों की फाइल अंतिम चरण में भेज दी है और केंद्र को वर्मा की बर्खास्तगी के प्रस्ताव में इन तथ्यों को भी शामिल किया जा रहा है.
विवादित टिप्पणी पर जवाब असंतोषजनक
ब्राह्मण समुदाय को लेकर वर्मा की टिप्पणी के बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका जवाब विभाग को असंतोषजनक लगा. लगातार मर्यादा-विहीन वक्तव्यों की वजह से जीएडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट जारी करने का फैसला लिया है. अधिकारियों के अनुसार, वर्मा ने न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि अपने आचरण से प्रशासन की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है.









