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MP प्री-नर्सिंग चयन परीक्षा के रिजल्ट ग्वालियर की हाईकोर्ट बेंच ने लगाई रोक, कहा-क्या प्रदेश सरकार पर नियम लागू नहीं होता ?

MP Pre-Nursing Test: मध्य प्रदेश में हुई प्री-नर्सिंग चयन परीक्षा के रिजल्ट पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने फिलहाल रोक लगा दी है। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई थी। साथ ही हाईकोर्ट ने एमपी सरकार को जमकर फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने टिपण्णी करते हुए कहा है की ‘क्या एमपी गवर्मेन्ट पर […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Jul 12, 2023 17:23
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Gwalior High Court Bench
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MP Pre-Nursing Test: मध्य प्रदेश में हुई प्री-नर्सिंग चयन परीक्षा के रिजल्ट पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने फिलहाल रोक लगा दी है। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई थी। साथ ही हाईकोर्ट ने एमपी सरकार को जमकर फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने टिपण्णी करते हुए कहा है की ‘क्या एमपी गवर्मेन्ट पर कोई रूल्स लागू नहीं होता है, शासन इस बात का जबाब हमें लिखकर दे।’

हाईकोर्ट ने कहा कि ‘सत्र 2022-23 की एडमिशन की परीक्षा जो पिछले साल करानी थी, वो अब कराई जा रही है,यह तो हद हो गई, ऐसा लगता है, अब तो प्राइवेट कॉलेज से ज्यादा, सरकारी नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़ा हो रहा है।’ हाईकोर्ट की यह टिप्पणी अहम मानी जा रही हैय़

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7 से 9 जुलाई के बीच हुई थी परीक्षा

दरअसल एमपी सरकार के निर्देश पर प्रदेश में प्री नर्सिंग चयन परीक्षा हुई थी। जहां 7 से 9 जुलाई तक ये परीक्षा आयोजित हुई थी। जिसमें प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के 1050 सीट के लिए 66 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इस मामले की अगली सुनवाई अब अगस्त फर्स्ट वीक में है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में कहा कि जो शैक्षणिक सत्र निकल चुका है, उसकी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाने का क्या मतलब है। वह भी तब, जब सीबीआई की जांच में 11 सरकारी कालेजों में कमी मिली है।’

इसके अलावा कहा कि ‘सरकारी नर्सिंग कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया अक्टूबर माह में पूरी हो जाती है। यानी सत्र 2022-23 की प्रवेश प्रक्रिया को पिछले वर्ष अक्टूबर 2022 में पूरा करवा देना चाहिए था, लेकिन उस सत्र की प्रवेश परीक्षा हाल ही में करवाई गई है, जिसका कोई मतलब नहीं है।’ बता दें कि नर्सिंग कालेजों से जुड़ा मामला पहले से हाईकोर्ट में चल रहा है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रदेश के सभी 375 कालेजों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने के निर्देश दिए।

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हाईकोर्ट ने 2020 में निर्धारित मापदंडों के आधार पर कालेजों की जांच का आदेश दिया। सीबीआई ने 11 कालेजों की जांच की और छह कालेजों में व्यापक अनियमितताएं पाई हैं। कोई भी कालेज मापदंडों पर खरा नहीं उतरा है। अन्य पांच कालेजों में भी अनियमितताएं मिली।

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Arpit Pandey

First published on: Jul 12, 2023 05:23 PM

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