---विज्ञापन---

ग्वालियर में PWD के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम पर ठगी, 1 फोन से लगाया 20 लाख का चूना

Gwalior News: साइबर ठगी के यूं तो काफी मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन ग्वालियर में शातिर ठगों ने पीडब्ल्यूडी का प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनकर ठेकेदार से 20 लाख रुपए ठग लिए। ठग ने खुद को प्रिंसिपल सेक्टरी बताया और फोन पर कुछ ऐसा कहा जिससे ठेकेदार ने तुरंत पैसे भेज दिए। एक्सीडेंट की बताई बात […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: May 1, 2023 18:29
Share :
Gwalior Fraud News
Gwalior Fraud News

Gwalior News: साइबर ठगी के यूं तो काफी मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन ग्वालियर में शातिर ठगों ने पीडब्ल्यूडी का प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनकर ठेकेदार से 20 लाख रुपए ठग लिए। ठग ने खुद को प्रिंसिपल सेक्टरी बताया और फोन पर कुछ ऐसा कहा जिससे ठेकेदार ने तुरंत पैसे भेज दिए।

एक्सीडेंट की बताई बात

दरअसल, ठगों ने प्रिंसिपल सेक्रेट्री बनकर ठेकेदार को फोन किया चाचा के बेटे का एक्सीडेंट होने के चलते इलाज के लिए रुपए की जरूरत बताई। ठग ने पहले 10 लाख रुपए खाते में डलवाए इसके कुछ ही देर बाद ही दोबारा से 10 लाख रुपए डलवा लिए, ठग ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी बताते हुए ठेकेदार से शाम तक रुपए लौटाने की बात कही। जब रात तक रुपए नहीं आए तो उन्हें ठगी का मालूम चला, इस मामले में निलंबित कार्यपालन यंत्री का फोन भी ठेकेदार के पास पहुंचा था।

---विज्ञापन---

जिसके बाद इस मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की गई है, क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने तुरंत खाता फ्रीज कराते हुए 10 लाख रुपए तो ठेकेदार के खाते में वापस करा दिए, लेकिन 10 लाख रुपए ठग ने पहले ही निकाल लिए थे। जिन्हें वापस नहीं करवाया जा सका। हालांकि मामला सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर ठग की तलाश शुरू कर दी है।

दरअसल, बहोड़ापुर के विनय नगर इलाके में रहने वाले प्रताप सिंह तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं वह पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार भी है 21 अप्रैल को उनके पास ग्वालियर में रहे पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री प्रदीप अष्टपुत्रे का फोन आया अष्टपुत्रे अभी निलंबित चल रहे हैं, अष्टपुत्रे ने उनसे कहा कि पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुखबीर सिंह बात करना चाहते हैं, उसने बताया कि अष्टपुत्रे ने ही ठेकेदार को वह नंबर दिया, लेकिन जब उस नंबर पर ठेकेदार ने फोन किया तो कॉल उठाने वाले ने खुद को प्रिंसिपल सेक्रेटरी बताया और कहा कि उनके चाचा के बेटे का एक्सीडेंट हो गया है, इलाज के लिए 10 लाख रुपए की जरूरत है।

---विज्ञापन---

इस तरह हुआ ठगी का खुलासा

ठग ने कहा कि वह रुपए वापस कर देंगे प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम से कॉल आया था इसलिए ठेकेदार ने बताए गए खाते में 10 लाख रुपए आरटीजीएस कर दिए कुछ देर बाद जब दोबारा कॉल आया तो इस बार प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम से बात कर रहे हैं ठगने 10 लाख रुपए और मांगे, उसे भी ठेकेदार ने आरटीजीएस कर दिए, लेकिन ठग ने रुपए लौटाने की बात कही थी। ऐसे में जब रात हो गई और ठेकेदार ने उसी नंबर पर कॉल किया तो वह नंबर बंद आया और बैंक में संपर्क किया तो पता चला कि वह बैंक अकाउंट नंबर बिहार का था।

इसके बाद ठेकेदार ने ठगी की शिकायत क्राइम ब्रांच में की, क्राइम ब्रांच टीम ने तुरंत खाते को फ्रीज करवाया जिससे ठेकेदार के 10 लाख रुपए ट्रांसफर होने से रुक गए लेकिन 10 लाख रुपए ठग ने निकाल लिए, पुलिस ने बैंक अकाउंट डिटेल और फोन नंबर के आधार पर ठगों की तलाश शुरू कर दी है।

HISTORY

Edited By

Arpit Pandey

First published on: May 01, 2023 06:29 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें