Eye Flu: मध्य प्रदेश में बढ़ती आईफ्लू मरीजों की संख्या को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आंखों की बीमारी कंजक्टिवाइटिस को लेकर अलर्ट जारी किया है। क्योंकि अकेले राजधानी भोपाल में आई फ्लू के 20 हजार से ज्यादा मरीज हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है।
जागरुकता अभियान शुरू
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। बीमारी की रोकथाम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जबकि अस्पतालों में अभी बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर डॉक्टरों ने भी इलाज के दिशा निर्देश जारी किए हैं।बाजार में बीमारी की दवाइयों को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर्स को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें बिना डॉक्टर की परिमिशन के किसी भी तरह की दवाइयां देने से मना किया गया है।
ग्वालियर में भी बढ़े मरीज
ग्वालियर में इन दिनों तेजी से आई फ्लू यानी एडिनो वायरस हवा के माध्यम से आंखों तक पहुंच रहा है, जिससे अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल के साथ ही जिला चिकित्सालय और सिविल हॉस्पिटल में इन दिनों आई फ्लू के मरीजों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है। जयारोग्य अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में करीब 300 मरीज हर रोज पहुंच रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल सिविल अस्पताल में आंखों की ओपीडी में भी कुछ यही हाल है।
डॉक्टर भी आ रहे चपेट में
आई फ्लू की स्थिति कुछ ऐसी है कि नेत्र रोग विभाग के काफी सारे डॉक्टर भी इस रोग के चपेट में आ गए हैं, इस बीमारी को ठीक होने में 1 से 2 सप्ताह का वक्त लग रहा है। बता दें कि मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते सर्दी जुकाम और खांसी के पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद जो संक्रमण हवा में फेल रहा है, उसके चलते आई फ्लू के मामले भी बढ़ रहे हैं।
जानिए संक्रमण के लक्षण
जब संक्रमण मरीज से स्वस्थ व्यक्ति की आंख तक पहुंचता है तो आंखों का लाल होना, आंखों में दर्द, खुजली होना, जलन होना जैसी शिकायतें होने लगती है और 24 घंटे के बाद ही पलकों में सूजन की शिकायत आ जाती है। जिससे आंखों से कीचड़ आने लगता है। आई फ्लू के बढ़ते हुए मामले को लेकर ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राम कुमार राजोरिया का कहना है कि आई फ्लू को लेकर सभी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है, साथ ही आई ड्रॉप की डिमांड में बढ़ोतरी हुई हैय़ इसको देखते हुए इसके अतिरिक्त व्यवस्था भी सभी शासकीय अस्पतालों में की गई।
आई फ्लू से बचाव के उपाय
- आई फ्लू से पीड़ित मरीज के संपर्क में आने से बचें
- मौसमी बीमारियों से पीड़ित खासकर सर्दी जुकाम खांसी और बुखार से पीड़ित मरीज के उपयोग किए गए कपड़े बर्तन कोई भी वस्तु का उपयोग ना करें
- घर से बाहर निकले तो मांस गिलास और आंखों पर धूप के चश्में का उपयोग करें
- किसी भी सामान को छूने के बाद हाथ साबुन से साफ करें या फिर सैनिटाइज करें
- आपस में रुमाल तो लिया आदि चीजों को शेयर ना करें हाथ ना मिलाएं
- धूल केमिकल और तेज धूप से बचें स्विमिंग भी ना करें
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