विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है। पहले से करीब 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज ले चुकी शिवराज सरकार ने एक बार फिर 2 हजार करोड़ रुपये का लोन लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुातबिक, पिछले 13 दिनों में यह तीसरी बार है जब सरकार कर्ज ले रही है।शिवराज सरकार बीते 2 हफ्ते में 4 हजार करोड़ का कर्ज शिवराज सरकार ले चुकी है। जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार पर अब तक 3 लाख 27 हजार करोड़ का कर्ज है।
शिवराज सरकार प्रदेश को निरंतर क़र्ज़ के दलदल में धकेलती जा रही है।
दो सप्ताह में 4 हज़ार करोड़ का क़र्ज़…
---विज्ञापन---ऐसा लग रहा है कि जिस प्रकार प्रदेश का क़र्ज़ बढ़कर तीन लाख करोड़ को पार कर चुका है , वो जल्द ही चार लाख करोड़ को भी पार कर जायेगा।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 31, 2022
इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया। कमलनाथ ने लिखा कि शिवराज सरकार प्रदेश को निरंतर कर्ज के दलदल में धकेलती जा रही है। दो सप्ताह में 4 हज़ार करोड़ का क़र्ज… ऐसा लग रहा है कि जिस प्रकार प्रदेश का क़र्ज़ बढ़कर तीन लाख करोड़ को पार कर चुका है, वो जल्द ही चार लाख करोड़ को भी पार कर जायेगा।
कमलनाथ ने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि वो मध्य प्रदेश सरकार के क़र्ज़ की वर्तमान स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे, ताकि जनता को प्रदेश की आर्थिक स्थिति के वास्तविक हालातों का पता चल सके।
कमलनाथ के ट्वीट पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कांग्रेस को सरकार पर उंगली उठाते का हक नहीं है, जो खुद 15 महीने की सरकार में 15 हजार करोड़ का कर्ज लेकर आईफा के आयोजन सलमान और जैकलीन को बुला चुकी है। उन्होंने कहा कि हम विकास, किसान, रोजगार के लिए कर्ज लेते हैं, कांग्रेस कर्ज माफी के नाम पर झूठ फैलाती है।