दमोह (हटा): मध्यप्रदेश में अन्नदाताओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं हो रही हैं। कभी खाद के लिए तो कभी बिजली के लिए किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि किसानों की समस्याओं पर गौर नहीं कर रहे। नतीजन किसान उग्र हो रहे हैं।
दरअसल, हटा तहसील मुख्यालय स्थित बिजली ऑफिस में पिछले दो दिनों से दर्जनों गांव के किसान ट्रांसफॉर्मर के लिए डेरा डाले हुए हैं। बिजली अधिकारियों द्वारा लगातार ट्रांसफॉर्मर आने के बाद मिलने का आश्वासन दे रहे हैं।
सोमवार को अधिकारियों ने देर रात तक ट्रांसफॉर्मर आने का आश्वासन दिया और जब किसान पूरी रात कड़ाके की ठंड में रात गुजारने के बाद भी ट्रांसफॉर्मर न मिलने से नाराज किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और बिजली दफ्तर में अपनी व्यथा सुनाकर हंगामा करने लगे।
हटा ब्लाक के दर्जन भर गांव के किसानों ने बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर गुमराह करने सहित भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का आरोप है कि वे पिछले 3 दिन से लगातार ट्रांसफॉर्मर के लिए ऑफिस आ रहे हैं।
इधर, ठंड में रात काट रहे हैं, उधर बिजली ना होने से उनकी खेती प्रभावित रहो रही है। पिछली रात ट्रांसफार्मर आया था, लेकिन उन लोगों को नहीं मिला। बाहर के बाहर अधिकारियों ने दूसरी जगह भेज दिया। वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में हम लोगों से कोई बात नहीं कर रहे हैं, जिससे हम परेशान हैं।
किसान ने दी आत्महत्या की चेतावनी
बिजली ऑफिस पहुंचे बुजुर्ग किसान करनसिंह निमरमुंडा ने ट्रांसफार्मर न मिलने की स्थिति में आत्महत्या की चेतावनी दे दी और नाराजगी जताते हुए विद्युत मंडल की गाड़ी के नीचे लेट गया। मौके पर अन्य किसानों ने बुजुर्ग किसान को समझाइश देकर शांत किया।
किसान ने बिजली कर्मचारियों को चेतावनी देते कहा है कि यदि समय रहते ट्रांसफॉर्मर नहीं मिला तो वह आत्महत्या करेगा, जिसकी जिम्मेदारी बिजली विभाग की होगी। वहीं फिर बिजली विभाग की ईई सुबुद्वी चढार ने विद्युत मंडल पहुंचकर किसानों को समझाइश दी। और दो दिन में ट्रांसफार्मर पहुंचाने का आश्वासन दिया।