राकेश चतुर्वेदी, भोपाल
मध्य प्रदेश में इन दिनों भाजपा और कांग्रेस के बीच सरदार पटेल और बी आर अंबेडकर के नाम पर खींचतान चल रही है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सरदार वल्लभभाई पटेल और भीमराव अंबेडकर को लेकर अपने-अपने दावे ठोक रही हैं। हाल ही में अहमदाबाद में हुई विस्तारित CWC की बैठक में कांग्रेस ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की राह पर चलने का प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद से मध्य प्रदेश में सियासत गरमा गई है। सरदार पटेल पर शुरू हुई यह सियासत अब भीमराव अंबेडकर पर पहुंच गई है। इसी को लेकर 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से महू में बड़ा कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है।
कांग्रेस के हैं सरदार पटेल
कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में प्रधानमंत्री के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ही सबसे बड़े थे। सरदार पटेल का योगदान हमेशा कांग्रेस के प्रति रहा है। कांग्रेस ने उन्हें सम्मान दिया है। बीजेपी सरदार वल्लभभाई पटेल को कांग्रेस के लोगों से छीनना चाहती है, क्योंकि बीजेपी का अपना कोई इतिहास नहीं है। बीजेपी बस अपना काम करे, कांग्रेस के लोगों को न छीने। अंबेडकर साहब को संविधान सभा में कांग्रेस ने नामित किया। अंबेडकर साहब हमेशा कांग्रेस के साथ थे।
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कांग्रेस ने उनका अपमान किया
कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार वल्लभभाई पटेल के साथ न्याय नहीं किया और हमेशा अपमान किया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा। कांग्रेस सरकार ने सरदार पटेल की एक बात भी नहीं मानी। सरदार पटेल की बात मानी होती तो आज कश्मीर का दर्द नहीं होता। बाबा अंबेडकर का भी सम्मान नहीं किया। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस सबका अपमान किया है। कांग्रेस पार्टी में स्वार्थी लोग जमघट हैं।