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चुनावी साल में MP में चल रहा भक्तिकाल, नेताजी करा रहे कथा, भोपाल में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा शुरू

MP News: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश में इस वक्त राजनीति का भक्तिकाल चल रहा है। ये कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि पांच महीने बाद प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है। लेकिन इस बार चुनावी मंच से ज्यादा खास है बाबाओं का कथा मंच। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बाबाओं के दरबार […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Jun 10, 2023 18:31
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bhagwat katha of pandit pradeep mishra
bhagwat katha of pandit pradeep mishra

MP News: विपिन श्रीवास्तव। मध्य प्रदेश में इस वक्त राजनीति का भक्तिकाल चल रहा है। ये कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि पांच महीने बाद प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है। लेकिन इस बार चुनावी मंच से ज्यादा खास है बाबाओं का कथा मंच। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बाबाओं के दरबार में नेताओं की नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। नेता, मंत्री, विधायक सब अपने-अपने इलाकों में बाबाओं की कथाओं के जरिए वोटर्स को साधने में लगे हैं। आज से भोपाल में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन शुरू हो गया है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथाएं भी हुई

एमपी में इस वक्त सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग में बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाएं हैं, जिनके अपने लाखों फॉलोवर हैं और इनकी कथाओं में भी नेताओं को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। तो दूसरे रुद्राक्ष बाबा कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं प्रदीप मिश्रा। लेकिन जो खास बात है वो ये कि इन बाबाओं की कथा करवाने वाले नेताओं की भीड़ जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती भीड़ खुद बा खुद आ जाती है और नेता जी को कथा के साथ भाषण देने का राजनीतिक मंच भी मिल जाता है।।

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भोपाल में पहली बार हो रहा आयोजन

भोपाल में पहली बार रुद्राक्ष बाबा यानी कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा आज से शुरू हुई है। इस कथा का आयोजन शिवराज सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग करा रहे हैं, कथा का आयोजन पांच दिन तक चलेगा। पहले ही दिन कथा में लाखों की संख्या में भक्त पहुंच गए मंच सज गया आसींद पर प्रदीप मिश्रा कथा वाचन करने लगे और सरकार के मंत्री विश्वास सारंग पूरी व्यवस्थाओं को संभालते मंच के पास नजर आए। आयोजन को लेकर पांच दिन की तैयारियां भी पूरी हो गई हैं।

चुनाव से पहले हो रहे आयोजन

जाहिर है नेताओं को कथा में वोट नजर आता है, यही वजह है कि नेताओं की कथा बीते विधानसभा चुनाव में जितनी नहीं हुई वह इस विधानसभा चुनाव से पहले हो रही हैं और कथाओं का आयोजन करवाने वाले नेता ही हैं। लेकिन विश्वास सारंग का मानना है कि यह कथा का मकसद चुनावी नहीं बल्कि आध्यात्म है क्योंकि यह काम कांग्रेस का है बीजेपी का नहीं कांग्रेस चुनाव के वक्त हिंदुत्व का चोला ओढ़ लेती है।‌

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देश में पहले भी राजनीतिक पार्टियां धर्म के सहारे चुनाव की जंग में लड़ती और जीतती आई हैं। एमपी में चुनाव में 5 महीने बाकी है तो मंच पर बाबा और चरणों में नेता दिखाई दे रहे हैं। वजह साफ है नेता जानते हैं, जो बाबा मंचो के जरिए देश विदश में हिट है वहीं वोटरों को साधने में भी फिट है।

पीसी शर्मा ने भी करवाया था आयोजन

बीते हफ्ते ही भोपाल दक्षिण पश्चिम से विधायक औ कमलनाथ सरकार में रहे मंत्री रहे पीसी शर्मा ने भी कथा वाचक रिचा गोस्वामी की कथा कराई थी। कथा के मंच पर कमलनाथ दिग्विजय सिंह के बड़े-बड़े पोस्टर लगे थे। जबकि कमलनाथ को कथा के समापन में पहुंचे थे और मन से कहा कि वह अपने जिले छिंदवाड़ा में हमेशा कथा कराते रहें वह हमेशा से अध्यात्म से जुड़े रहे हैं और हनुमान भक्त भी हैं।

अन्य नेताओं ने भी करवाएं आयोजन

इसके अलावा 7 से लेकर 9 जून तक मंदसौर में भी मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराई जिसमें बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे और कथा का मंच सियासी बन गया। पिछले महीने ही सागर जिले के राहतगढ़ में मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराई थी और इस कथा में शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता भी पहुंचे थे। इससे पहले भोपाल में देवकी नंदन ठाकुर की कथा बीजेपी के नेताओं द्वारा कराई गई थी जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे थे। इसी कथा में कमलनाथ भी पहुंचे थे।

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Written By

Arpit Pandey

First published on: Jun 10, 2023 06:31 PM

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