Rajkaran Barua Passed MSc In 25 Years: रास्ते कितने भी कठिन क्यों न हों यदि मन में ठान लिया जाए तो फिर मंजिल का मिलना मुमकिन है, जी हां कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जबलपुर के रहने वाले राजकरण बरूआ ने। राजकिरण ने मुश्किलों को अपनी कामयाबी के रास्ते का कांटा नहीं बनने दिया। राजकरण ने तमाम कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करते हुए आखिरकार 25 साल के लंबे संघर्ष के बाद एमएससी पास कर ली। जबलपुर में एक सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले राजकरण ने 25 साल पहले MSC करने का सपना देखा जो आज जाकर पूरा हो पाया है, आज 55 साल की उम्र में राजकिरण ने गणित से एमएससी की डिग्री हासिल की है।
M.A. करने के बाद स्कूलों में पढ़ाया
अपनी इस कामयाबी के पीछे का कांटों भरा सफर तय करने वाले राजकरण बताते हैं कि उनके लिए सफलता इतनी आसान नहीं थी। 25 साल के इस संघर्ष में कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया तो कई लोगों ने उन्हें अपना पुस्तैनी काम करने की सलाह भी दी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। राजकिरण बताते हैं कि, दो साल पहले उन्होंने गणित विषय में एमएससी पूरी की। M.A. करने के बाद उन्होंने साल 1996 में स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाया। इस दौरान कई स्कूलों के शिक्षकों ने उनके गणित समझाने के तरीके की तारीफ की, जिसके बाद उनके मन में गणित विषय में एमएससी करने का विचार आया।
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25 साल के संघर्ष के बाद पास की एमएससी
M.A. करने के बाद गणित विषय में एमएससी करने के लिए उन्होने रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय के रजिस्ट्रार के समक्ष 1996 में आवेदन किया। एमएससी प्रथम वर्ष के लिए उन्होने सबसे पहले 1997 में परीक्षा दी और वह पास नहीं हो पाये। वह विगत दस सालों तक पांच में से सिर्फ एक विषय में ही पास होते थे। इसके बाद वह दो विषय में पास होने लगे। कोरोना काल के दौरान साल 2020 में उन्होंने एमएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होने साल 2021 में एमएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा पूरी की। इस तरह उन्होने 25 साल के संघर्ष के बाद साल 2021 में गणित विषय में एमएससी की।
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रात में करते हैं चौकीदारी और दिन में करते हैं घर का काम
राजकरण की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। लिहाजा वह दिन में लोगों के घरों में बर्तन झाड़ू और खाना बनाने का काम करते हैं और रात के वक्त चौकीदारी करके अपना भरण- पोषण करते हैं। राजकरण के पास रहने के लिए अपना कोई घर भी नहीं है। राजकरण जिस बंगले में काम करते है वहीं पर उन्हें रहने के लिए एक छोटा सा मकान मिला हुआ है।
अभी तक कुंवारे हैं राजकरण
56 वर्षीय राजकरण बरूआ अभी तक कुंवारे हैं, 6 साल की उम्र में उनके सर से पिता का साया उठ गया। मां दूसरे भाई के साथ अलग रहती है। राजकरण बताते है कि शादी का कभी मौका ही नहीं मिला, जब रिश्तों की बात आती तो लोग बंगलों में काम करने वाला कहकर रिश्ता ठुकरा देते थे। यही वजह है कि उनकी अब तक शादी नहीं हो पाई।