दमोह: मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी है। यहां एंबुलेंस नहीं मिलने पर पति को प्रसव पीड़ा से तड़प रही पत्नी को हाथ ठेला पर लिटाकर करीब 2 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाना पड़ा, लेकिन वहां भी कोई सुविधाएं नहीं मिली।
स्टाफ ने नहीं दिखाई गंभीरता
मौजूद स्टाफ ने 3 घंटे बाद आने को कहा। युवक को परेशान देख स्थानीय लोगों ने 108 वाहन उपलब्ध कराया और गर्भवती को हटा सिविल अस्पताल पहुंचाया। लेकिन यहां भी उसकी परेशानी खत्म नहीं हुई। डॉक्टरों ने गर्भवती को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
दरअसल, दमोह जिले के रनेह गांव में रहने वाले कैलाश अहिरवार की पत्नी काजल को मंगलवार को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। कैलाश अहिरवार ने बताया कि उसने कई बार 108 एंबुलेंस के लिए फोन लगाया, लेकिन कोई उसके घर नहीं पहुंचा। पत्नी दर्द से तड़प रही थी। उससे देखा नहीं गया तो मजबूरन उसने हाथ ठेला पर पत्नी को लिटाकर गांव के अस्पताल लेकर पहुंचा। लेकिन वहां भी उसे मदद नहीं मिली।
स्थानीय लोगों की मदद से आई एंबुलेंस
स्थानीय लोगों ने उसकी मदद की और दबाव बनाकर 108 एंबुलेंस बुलाई तब जाकर वह अपनी पत्नी को हटा अस्पताल लेकर आया है। लेकिन महिला की हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले भी मध्यप्रदेश के कई जिलों से इस तरह के मामले आ चुके हैं। कुछ दिन पहले भिंड जिले में एंबुलेंस नहीं मिलते पर बेटे को हाथ ठेले पर रखकर बीमार पिता को अस्पताल ले जाना पड़ा था।
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