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IAS अफसर की पत्नी से बंदूक की नोक पर रेप, HC ने खारिज की आरोपी की जमानत

Kolkata Rape Case: कोलकाता में एक आईएएस अधिकारी की पत्नी से रेप का मामला सामने आया। जिसमें कोलकाता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। HC ने इस केस में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए नए सिरे से जांच करने के आदेश जारी किए हैं।

Edited By : Shabnaz | Updated: Sep 28, 2024 14:59
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kolkata rape case IAS officer
कोलकाता हाई कोर्ट

Kolkata Rape Case: कोलकाता में आईएएस अधिकारी की पत्नी से बंदूक की नोक पर रेप किया गया। इस मामले पर पुलिस की जांच सही से न करने को लेकर कोर्ट ने चिंता जताई। वहीं, पीड़िता ने भी रेप के बाद जांच में देरी, मेडिकल जांच नहीं कराने के आरोप लगाए। पीड़िता को पुलिस मेडिकल के लिए नहीं लेकर गई, बल्कि वह खुद से अपना मेडिकल कराने पहुंची थी। कोर्ट ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच को नए सिरे से शुरू करने के आदेश दिए हैं।

पुलिस पर लगे इल्जाम

न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने शुरुआती जांच की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए नए सिरे से जांच का आदेश दिया। ये घटना 14 और 15 जुलाई 2024 की रात की है। इस दौरान 11:30 बजे महिला के साथ बंदूक की नोक पर रेप किया गया। पीड़िता का आरोप है कि वह अगले दिन पुलिस के पास पहुंची जहां पर उसको कई घंटे इंतजार कराया गया। यही नहीं पुलिस ने इस केस की गंभीरता को कम करते हुए कम गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

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पीड़िता ने यह भी दावा किया है कि आरोपी की पत्नी और बेटे ने उसको शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दी। पीड़िता ने कहा कि पुलिस को इस केस से जुड़े सबूत (संबंधित कपड़े और अन्य सामान) जब्त करने के लिए उसके घर जाने में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगा।

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कोर्ट ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति भारद्वाज ने कहा कि FIR में कानून की कमजोर धाराओं का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यौन उत्पीड़न के आरोप की गंभीरता कम हो गई। इसके अलावा, आरोप पत्र में कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई थी, और पुलिस ने घटना के तुरंत बाद पीड़िता की मेडिकल जांच नहीं कराई। यहां तक के मेडिकल के लिए पीड़िता खुद ही अस्पताल गई थी। कोर्ट ने पीड़िता के आरोपों को सुनकर ही इसकी जांच नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं।

न्यायमूर्ति ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के साथ एक सब इंस्पेक्टर, एक हवलदार और तीन महिला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने इस मामले को ठीक से नहीं संभाला और अनुशासनहीनता की है। कोर्ट ने मामले की जांच में पारदर्शिता को लेकर चिंता जताई।

खारिज हुई आरोपी की जमानत 

इस मामले के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन निचली अदालत में उसे जमानत मिल गई। हालांकि, शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। इस मामले को अब लालबाजार की डिप्टी कमिश्नर रैंक की एक महिला पुलिस अधिकारी देखेंगी।

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Shabnaz

First published on: Sep 28, 2024 02:59 PM

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