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खंडवा: सुर्ख लाल स्ट्राबेरी ने बदली खंडवा के किसान की तकदीर, सरकार की मदद से किसान शिवपाल हुआ मालामाल

खंडवा: व्यवसाय और खेल में जोखिम तो सुना होगा खेती में जोखिम उठाने का साहस वह भी छोटी उपज के किसानों के द्वारा जिसका परिणाम भी उत्साह जनक हो अपने आप मे बड़ी सुखद खबर है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि में अनेकों प्रयोग कर रही है। खंडवा जिले […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Apr 21, 2023 19:48
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Khandwa farmer

खंडवा: व्यवसाय और खेल में जोखिम तो सुना होगा खेती में जोखिम उठाने का साहस वह भी छोटी उपज के किसानों के द्वारा जिसका परिणाम भी उत्साह जनक हो अपने आप मे बड़ी सुखद खबर है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि में अनेकों प्रयोग कर रही है। खंडवा जिले में ठंडे प्रदेशों की फसल स्ट्रौबरी की खेती भी इसका एक उदाहरण है। कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत जिले के 16 किसान ठंडे प्रदेशो की फसल को निमाड़ की गर्मी के बीच स्ट्रॉबेरी की खेती करके जोखिम उठा कर खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए आगे आ रहे है। कृषि वैज्ञानिक भी इसमे किसानों का मार्गदर्शन कर रहे है।

कृषि विभाग ने किसानों की मदद

ठंडे प्रदेशों की स्ट्रॉबेरी अब निमाड़ के गरम क्षेत्रों में भी किसानों को ललचा रही है। स्ट्रॉबेरी को ठंडे प्रदेशों की फसल मानकर कोई भी किसान अपनी जमीन पर लगाना नहीं चाहता था, मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग ने किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए नवाचार किया। खंडवा के कुछ युवा किसानों ने हिम्मत जुटाकर उनका साथ दिया। यही कारण है कि आज खंडवा में भी स्ट्रॉबेरी पैदा हो रही है। किसानों को अच्छा मुनाफा उपलब्ध करा रही है। खंडवा के किसान शिवपाल सहित अन्य किसानों ने अपने खेतो में इसकी शुरुआत की , बाज़ार में ये स्ट्रॉबेरी करीब तीन सो रुपए प्रति किलो तक बिक रही है।

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16 किसान स्ट्रॉबेरी पैदा कर रहे हैं

डॉ राजेश गुप्ता कृषि अनुसंधान केंद्र खंडवा ने बताया कि खंडवा के कृषि विभाग के अंतर्गत काम करने वाले आत्मा परियोजना के तहत जिले के 16 किसान स्ट्रॉबेरी पैदा कर रहे हैं । कृषि विभाग ने इन किसानों को निशुल्क पौधे उपलब्ध कराएं। मात्र 1 महीने के अंदर ही यह किसान स्ट्रॉबेरी की फसल ले रहे हैं। यह स्ट्रॉबेरी खंडवा के बाजार में लगभग ₹300 किलो तक बिक रही है। किसान परंपरागत खेती से अपनी लागत नहीं निकाल पा रहा था। सरकार ने ऐसे में खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिए आत्मा परियोजना ने यह नवाचार किया। आज यह किसान खुश है भविष्य में बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी पैदा करने का हौसला रखते हैं। इन किसानों को देखकर दूसरे किसान भी प्रोत्साहित हो रहे हैं और वह भी भविष्य में स्ट्रॉबेरी लगाने का मन बना रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा अन्य फसलों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाता है खंडवा जिले में प्याज संतरे के बाद अब ठंडे प्रदेशों की स्ट्रॉबेरी की खेती भी शुरू हो गई है।

हिमाचल प्रदेश से लाए गए स्ट्रॉबेरी के पौधे

लक्ष्मीनारायण रंगीले आत्मा परियोजना के अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग के अंतर्गत काम करने वाले आत्मा परियोजना से हिमाचल प्रदेश से स्ट्रॉबेरी के पौधे बुलवाकर इन किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराए हैं। हिमाचल प्रदेश से हवाई जहाज के रास्ते आए यह पौधे किसानों के खेत तक पहुंचे । कृषि विभाग ने न केवल किसानों को पौधे उपलब्ध कराएं बल्कि तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया। खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिए बहुत ही छोटे स्तर पर किया गया यह नवाचार सफल होते दिख रहा है।

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Written By

Gyanendra Sharma

First published on: Apr 21, 2023 08:56 AM

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