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कर्नाटक: दशहरे जुलूस में शामिल भीड़ ने ऐतिहासिक मदरसे में तोड़फोड़ कर पूजा की, चार गिरफ्तार

बेंगलुरु: कर्नाटक के बीदर में दशहरा जुलूस का हिस्सा रही भीड़ ने बुधवार रात कथित रूप से एक हेरिटेज मदरसे में तोड़फोड़ और नारेबाजी को अंजाम देते हुए इमारत के एक कोने में पूजा की। पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और चार को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि […]

Edited By : Pulkit Bhardwaj | Updated: Oct 7, 2022 14:35
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Bidar Madarsa
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बेंगलुरु: कर्नाटक के बीदर में दशहरा जुलूस का हिस्सा रही भीड़ ने बुधवार रात कथित रूप से एक हेरिटेज मदरसे में तोड़फोड़ और नारेबाजी को अंजाम देते हुए इमारत के एक कोने में पूजा की। पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और चार को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि मामले में मुस्लिम संगठनों ने शुक्रवार तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी।

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1460 के दशक में निर्मित, बीदर में महमूद गवां मदरसा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत एक नामित विरासत स्थल है। इस संरचना को राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों में भी सूचीबद्ध किया गया है।

पुलिस ने कहा कि भीड़ ने मदरसे का ताला तोड़ दिया और उसमें घुस गई। मदरसे में पूजा करने से भीड़ ने “जय श्री राम” और “हिंदू धर्म जय” के नारे लगाए। घटना के वायरल वीडियो में सीढ़ियों पर भारी भीड़ दिखाई दे रही है, जो इमारत के अंदर जाने की कोशिश कर रही है।

बीदर के कई मुस्लिम संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर जुमे की नमाज के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है।

बता दें कि यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस समय कर्नाटक से ही गुजर रही है।

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महमूद गवां के पीछे का इतिहास

बीदर में महमूद गवां मदरसा / मस्जिद बहमनी साम्राज्य (1347-1518) के गौरव के दिनों का अवशेष है जब बीदर दक्कन राजवंश की राजधानी थी (1424 से 1427 के बीच इसे गुलबर्गा से स्थानांतरित किया गया था)। इस मदरसे के अग्रभाग पर मौजूद फारसी टाइल का काम इसके अतीत की झलक देता है।

महमूद गवां बहमनी साम्राज्य के एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने शम्सुद्दीन मुहम्मद III के शासनकाल के दौरान पद संभाला था, जो 9-10 वर्ष की उम्र में राजा बने थे।

गंवा के प्रमुख योगदानों में से एक मदरसा (तब एक कॉलेज/संस्थान) है, जिसमें मीनार की ऊंचाई 100 फीट की है, जबकि भवन की लंबाई 205 फीट तक है। 1695/96 में एक बारूद विस्फोट के कारण स्मारक का आधा भाग नष्ट हो गया था।

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Written By

Pulkit Bhardwaj

First published on: Oct 07, 2022 12:07 PM

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