विवेक चन्द्र, मधुबन: सम्मेद शिखर पर दावे को लेकर मंगलवार को आदिवासी समाज प्रदर्शन कर रहा है। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। संथाल समाज के लोग हाथों में तीर-धनुष लेकर सड़कों पर उतर चुके हैं। पुलिस ने पारसनाथ पहाड़ के आसपास की दुकानों को बंद कराया है। लोग सभा स्थल पर नारेबाजी करते हुए पहुंच रहे हैं। संथाल स्थानीय विधायक सुदीप्त सोनू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार समुदाय के लोग पूजा कर फुटबॉल ग्राउंड में जमा होंगे और वहां सभा करेंगे।
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मरांग बुरु पर आदिवासियों ने किया दावा
आदिवासी समुदाय ने दावा किया है कि पूरा मरांग बुरु पहाड़ उनका है। यहां वे हर साल पूजा में सफेद मुर्गे की बलि देते हैं। इसी दावे को लेकर मंगलवार को जनसभा का आयोजन किया गया है। इस जनसभा में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और छतीसगढ़ सहित कई राज्यों से संथाल समाज के लोग शामिल होंगे। अंतरराष्ट्रीय संथाल परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष नरेश कुमार मुर्मू ने फोन पर हुई बातचीत में कहा, हम आश्वासन नहीं चाहते हम ठोस कागजी कार्रवाई चाहते हैं। हमारे विरोध प्रदर्शन की तैयारी लंबे समय से चल रही है। हम अपने अधिकार के लिए लड़ना जानते हैं।
सरकार की तरफ से नहीं आयी कोई प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद पर अभी सरकार की तरफ कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। झामुमो पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से बात करने की कोशिश की। उन्होंने फोन पर किसी भी तरह की आधिकारिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
हमारी आस्था का भी हो सम्मान
अंतरराष्ट्रीय संथाल परिषद ने यह भी कहा कि हम जिला प्रशासन या सरकार की पहल का स्वागत करते हैं। जब तक राज्य सरकार स्पष्ट फैसला नहीं लेती, तब तक हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। हमारे जो अधिकार हैं, उन्हें हम हासिल करके रहेंगे। हम देखेंगे सरकार हमारी हिस्सेदारी दे रही है या नहीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी चिट्ठी में जैन समाज के लिए इस महत्व के संबंध में लिखा, जबकि हमारी धार्मिक भावनाएं भी इस जगह से जुड़ी हैं।
24 फरवरी को भारत बंद
महाजुटान में हुई जनसभा में आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई गई। वक्ताओं ने पारसनाथ को आदिवासियों का मरांग बुरू बताया और कहा कि जैन धर्म के लोग इस स्थल को आदिवासी समाज से दूर करने की साजिश कर रहे हैं।
सरकार भी इसमें साथ दे रही है अगर सरकार ने हमें इस पहाड़ी पर अधिकार नहीं दिया तो बिरसा मुंडा के जन्मस्थली उलिहातू से एक व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा।
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एक जुट रहे आदिवासी
मधुबन में हुए महाजुटान में पूर्व विधायक गीताश्री उरांव, सालखन मुर्मू, जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम, जयराम महतो समेत कई आदिवासी नेता मौजूद थे। जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि वक्त आ गया है हमें एकजुट होना पड़ेगा। आज झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री है पर यहां आदिवासियों की नहीं सुनी जा रही है।
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