---विज्ञापन---

Jharkhand: रामगढ़ उपचुनाव में यूपीए की हार की आखिर वजह क्या है? जानें 6 बड़े कारण

Jharkhand: रामगढ़ उपचुनाव में यूपीए को मात खानी पड़ी है। यह ऐसे समय में है, जब राज्य में महागठबंधन की सरकार पूरे कॉन्फिडेंस पर दिखती है। रामगढ़ में चुनाव की कमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथ में ही थी, ऐसे में आखिर वह कौन सी वजह है, जिससे रामगढ़ की जनता ने UPA से किनारा […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Mar 2, 2023 22:29
Share :
Jharkhand, Ramgarh By Election, Ramgarh By Election Results 2023, Sunneta Chaudhary, Bajrang Mahto, Congress, Hemnat Soren
जीत को लेकर एनडीए उत्साहित हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यालय जश्न में डूबा है।

Jharkhand: रामगढ़ उपचुनाव में यूपीए को मात खानी पड़ी है। यह ऐसे समय में है, जब राज्य में महागठबंधन की सरकार पूरे कॉन्फिडेंस पर दिखती है। रामगढ़ में चुनाव की कमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथ में ही थी, ऐसे में आखिर वह कौन सी वजह है, जिससे रामगढ़ की जनता ने UPA से किनारा कर लिया। रामगढ़ में यूपीए के हार की वजह तलाशती यह रिपोर्ट पढ़ें…

रामगढ़ के सियासी गढ़ में एनडीए की जीत

आजसू की प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने 21970 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो को हरा रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की है। इस जीत को लेकर एनडीए उत्साहित हैं। बीजेपी प्रदेश कार्यालय जश्न में डूबा है। ढोल नगाड़े बज रहे हैं, होली मनाई जा रही है। पटाखे फोड़े जा रहे हैं। वहीं, जेएमएम और कांग्रेस के कार्यालय में उदासी है।
एक बड़े अंतर से रामगढ़ की जीत आखिर क्या संकेत दे रही है? क्या हम 2024 के चुनावी नतीजों का संकेत है या फिर कुछ और?

---विज्ञापन---

और पढ़िए –Umesh Pal Murder Case: अतीक अहमद के एक और करीबी के घर पर चला बुलडोजर, जानें कौन है सफदर अली?

यूपीए का ओवरकॉन्फिडेंस

हम रामगढ़ उपचुनाव की वजह की तलाश करें तो सबसे बड़ी वजह सरकार का ओवरकॉन्फिडेंस दिखता है। हाल में सियासी तूफान झेल चुकी UPA के घटक दल चुनाव प्रचार के दौरान पूरे कॉन्फिडेंस में रहे। इन्होंने जमीं पर जा कर वोटरों के मन को पढ़ने का काम नहीं किया। इसके साथ साथ रामगढ़ के नतीजों से यह साफ हो गया है कि यहां सत्ता विरोध की लहर चली और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जादू नहीं चल पाया।

---विज्ञापन---

युवाओं का नहीं मिला साथ

सरकार द्वारा जोर-शोर से 1932 खतियान आधारित स्थानीयता का मुद्दा हो या फिर नियोजन नीति का दोनों ही मामले अब तक पैसे पड़े हैं। प्रतिवर्ष 5 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर हेमंत सरकार सत्ता में आई थी। सरकार गठन के 3 सालों के बाद भी नियुक्तियों का ग्राफ काफी नीचे दिखता है। नियोजन नीति को हाईकोर्ट रद्द कर चुका है। ऐसे में नियुक्तियां रुकी हुई है।

इस कारण भी युवा वोटरों का रुझान यूपीए के साथ ना होकर एनडीए के साथ दिखा। मुख्यमंत्री ने खतियानी जोहार यात्रा के तहत हर जिले की यात्रा की और लोगों की समस्याओं का हल अधिकारियों द्वारा तुरंत उपलब्ध कराने की कोशिश की पर खातियानी जोहार यात्रा भी आम लोग मन से सरकार के साथ जुड़ नहीं पाए। यह यात्रा भी बस एक सरकारी औपचारिकता बन कर रह गई।

भ्रष्टाचार का मुद्दा भी बड़ी वजह

हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बना रहा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की सवालों के घेरे में है। साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ के अवैध खनन का मामला हो या फिर ग्रामीण कार्य विभाग के चीफ इंजीनियर बिरेंद्र राम द्वारा 100 करोड़ की मनी लांड्रिंग का। सरकार हमेशा ही भ्रष्टाचार के मामले पर बैकफुट पर रही है। एनडीए ने उपचुनाव में भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा बनाया और जनता का समर्थन हासिल किया।

सहानुभूति का ना मिल पाना

यूपीए को पूरा यकीन था कि ममता देवी के जेल जाने के बाद एक बड़ा वोटर का वर्ग सहानुभूति वोट के तौर पर उनके साथ खड़ा होगा। इसे लेकर ही चुनावी सभाओं में छोटे बच्चे को गोद में लेकर चुनाव प्रचार भी किया गया और मुख्यमंत्री तक ने इस बच्चे के लिए लोगों से वोट देने की अपील की। रामगढ़ की जनता की सहानुभूति ममता देवी के साथ खड़ी नहीं दिख पाई।

बढ़ रहे अपराध का मुद्दा

राज्य में बढ़ रहे महिला अत्याचार के मुद्दे को भी लेकर भी एनडीए इस चुनाव में सरकार पर हमलावर दिखा। सूबे में बढ़ रहा अपराध भी इसकी एक प्रमुख वजह मानी जा सकती है। रामगढ़ में वोटिंग से ठीक 1 दिन पहले ही आजसू नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

वहीं बड़कागांव के विधायक प्रतिनिधि की भी हत्या हो गई। विधायक प्रतिनिधि की हत्या के बाद अंबा प्रसाद ने खुलकर पुलिस अधिकारियों पर बेलगाम होने और भ्रष्ट होने का आरोप लगाया। NDA ने सरकार को विधि व्यवस्था के मुद्दे पर भी लगातार घेरा।

आजसू को गठबंधन का साथ

आजसू और बीजेपी के साथ आने की वजह से एक बड़ा वोट बैंक प्रभावित हुआ और मजबूती मिली। आजसू और बीजेपी ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी। यह आजसू का पुराना गढ़ भी रह चुका है इसे लेकर उसे यहां लोगों का समर्थन मिला।

रांची से विवेक चंद्र की रिपोर्ट।

यह भी पढ़ें: North East Election Results: त्रिपुरा, नागालैंड में भाजपा गठबंधन की वापसी, मेघालय में हंग असेंबली

और पढ़िए – प्रदेश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Edited By

Bhola Sharma

First published on: Mar 02, 2023 07:46 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें