Jharkhand Political Crisis : झारखंड में चंपई सोरेन ने भले ही सीएम पद की शपथ ले ली, लेकिन अभी तक राजनीतिक संकट खत्म नहीं हुआ है। नए मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती फ्लोर टेस्ट है। हैदराबाद में जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायक भेजे गए हैं, लेकिन नंबर गेम पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। इसे लेकर चंपई सोरेन की चिंता बढ़ गई है।
झारखंड में इंडिया गठबंधन को अपनी सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का बहुमत चाहिए, लेकिन हैदराबाद सिर्फ 36-37 विधायक ही पहुंचे हैं, जबकि कुछ MLAs नहीं गए हैं। चंपई सरकार का फ्लोर टेस्ट 5 जनवरी को है। हालांकि, सीएम पद से इस्तीफा देने से पहले हेमंत सोरेन ने समर्थन पत्र में 42-43 विधायकों के हस्ताक्षर करवा लिए थे। इसके बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए 42-43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था।
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#WATCH | Pakur | Congress incharge for Jharkhand, Ghulam Ahmad Mir says, "…Normally, it has never happened anywhere that a sitting CM is handing himself over to the law and giving an alternate so that the state does not suffer. The entire coalition – 49 MLAs – unanimously… pic.twitter.com/IvulEUgX5O
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 3, 2024
कहां गए 5-6 विधायक
इस पर राज्यपाल ने शुक्रवार को चंपई सोरेन के साथ कांग्रेस और राजद के विधायकों को शपथ दिलाई थी। अगर हैदराबाद पहुंचे विधायकों की संख्या पर नजर डालें तो इंडिया गठबंधन के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त विधायक नहीं हैं। अब सवाल उठता है कि इंडिया गठबंधन के 5-6 विधायक कहां गए? सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए कुछ विधायक झारखंड में रुके हुए हैं।
हैदराबाद से कब लौटेंगे विधायक, कांग्रेस नेता ने बताया
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है कि खुद को कानून के हवाले करने से पहले मौजूदा सीएम ने चंपई सोरेन को सत्ता की चाबी सौंप दी। महागठबंधन के विधायकों ने इस पर सहमति जताई थी। अगर राज्यपाल ने जल्द ही फ्लोर टेस्ट करा लिया होता तो आज विधायकों को हैदराबाद भेजने की नौबत नहीं आती। फ्लोर टेस्ट के दिन विधायक आएंगे और उसके बाद वे आजाद हो जाएंगे।