Invest Rajasthan Summit: राजस्थान सरकार का दो दिवसीय राजस्थान सम्मिट निवेश के लिए बेहतर माहौल देने के वादे के साथ खत्म हो गया। इस सम्मिट के दौरान 11 लाख करोड़ रुपए के निवेश का दावा किया गया है। पहले दिन जहां अडानी, टाटा, बिरला जैसे नामी उद्योगपतियों के नाम रहा। वहीं दूसरे दिन सरकार ने लघु और मझोले उद्योग यानी एमएसएमई के लिए निर्धारित किया था।
राजस्थान में इस वक्त 6 लाख 30 हज़ार एमएसएमई है जिनमें से 1 लाख 3000 एक्सपोर्टर है। जीडीपी का 28 से 30 फीसदी हिस्सा एमएसएमई से ही मिल रहा है। यही कारण है कि इस साल राजस्थान सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए नई पॉलिसी बनाई जिसमें तय किया गया कि अगले 5 सालों तक ने किसी तरह की कोई बड़ी अनुमति लेने के लिए सरकारी दफ्तरों में चक्कर नहीं लगाने होंगे।
सीएम अशोक गहलोत ने दूसरे दिन भी धनकुबेरों को आश्वासन दिया कि सरकार राजस्थान में उन्हें निवेश के लिए बेहतर माहौल देने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।
वहीं गहलोत ने शनिवार को इन्वेस्ट राजस्थान सम्मेलन के दूसरे दिन संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि चाहे अडानी हों, अंबानी हों या फिर अमित शाह के बेटे जय शाह, हम सभी का स्वागत करेंगे। हम रोजगार और निवेश चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को गौतम अडानी को लेकर एक मुद्दा बनाया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मैं इसकी निंदा करता हूं। इसे मुद्दा बनाना भाजपा को महंगा पड़ेगा।