मानसून शुरू होने के बाद कई जगहों पर बाढ़, भूस्खलन आदि से कई लोगों की जान जा रही है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी बारिश के बाद हालात बिगड़ गए, मंडी में तो पूरा गांव बर्बाद हो गया। मंडी में हुई घटना में मृतकों की संख्या बहुत अधिक हो सकती थी, लेकिन एक कुत्ते की वजह से गांव के लगभग 67 लोगों की जान बच गई और वे सुरक्षित स्थान पर पहुंच सके।
30 जून को मंडी में हुई थी घटना
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 30 जून को बारिश ने तबाही मचा दी। धरमपुर क्षेत्र का सियाठी गांव मलबे में तब्दील हो गया, लेकिन समय रहते लोगों ने खतरे को भांप लिया और अपनी जान बचाने में कामयाब हो गए। दरअसल, एक कुत्ते के भौंकने की वजह से पूरा गांव अलर्ट हो गया और समय रहते वहां से निकल गया।
कुत्ते ने बचाई जान
NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सियाठी के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि घर की दूसरी मंजिल पर कुत्ता सो रहा था, वह रात को अचानक भौंकने लगा। इससे लोगों की नींद खुल गई। शख्स ने बताया कि जब कुत्ता भौंकने लगा तो मैं उसके पास गया। देखा तो घर की दीवार में दरार आ गई थी और दरार से घर में पानी आ रहा था।
🌧️ The spell of heavy monsoon rain continues in Himachal Pradesh.
---विज्ञापन---In the last 24 hrs, Aghar (Hamirpur) recorded the highest rainfall at 110 mm.
Cloudbursts in Mandi and Chamba have disrupted normal life.
⚠️ IMD issues warning for heavy rain & flash floods in 10 districts over… pic.twitter.com/rqA9NaBPio
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 6, 2025
शख्स ने बताया कि मैंने सभी को जगाया और वहां से निकलने के लिए कहा। बारिश इतनी तेज थी कि लोग अपना सब कुछ छोड़कर शरण लेने के लिए घर छोड़कर भाग गए। इसके कुछ ही देर बाद भूस्खलन हुआ और करीब 12 घर मिट्टी में दब गए। इस गांव में चार से पांच ही घर बचे हैं। अब लोग पास के मंदिर में शरण लेकर रह रहे हैं। इस तरह कुत्ते की वजह से 20 परिवारों के 67 लोगों की जान बच गई।
यह भी पढ़ें : चंबा में फटे बादल, नाव की तरह बहा पुल, हजारों लोगों का संपर्क कटा
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत हुई। तब से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। मानसून से जुड़ी घटनाओं में 50 लोगों की मौत हुई है, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में 28 लोगों की जान गई है। मानसून के आने के बाद राज्य में 23 बार अचानक बाढ़ और बादल फटने की 19 घटनाएं हुई हैं, जबकि 15 घटनाएं भूस्खलन की दर्ज की गई हैं। मंडी जिले में 156 सड़कों को अचानक आई बाढ़ से नुकसान हुआ है।