दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद राम रहीम एक बार फिर पेरोल में बाहर आने वाला है। सूत्रों के अनुसार, राम रहीम को 50 दिन की पेरोल मिली है। वह आज शाम या फिर कल सुबह जेल से छूट सकता है। उम्मीद है कि राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम में पेरोल की अवधि काटेगा। बता दें, राम रहीम हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है।
राम रहीम अभी हाल में ही पेरोल पर छूटा था अब फिर उसे पेरोल मिल गई। आखिर किन नियमों के तहत बार-बार अस्थाई रिहा होता है राम रहीम। आइये पेरोल के बारे में क्या कहता है कानून…
पहले जानिए, क्या होता है पेरोल
जब सजा की अवधि पूरी ना हुई हो या सजा की अवधि समाप्त होने से पहले किसी व्यक्ति को अस्थाई रूप से जेल से रिहा किया जाए तो उसे पैरोल कहा जाता है। यह व्यक्ति के व्यवहार पर आधारित होती है। भारत में पेरोल दो तरह की होती है, कस्टडी पेरोल और रेगुलर पेरोल।
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किन्हें मिल सकती है पैरोल
- असाधारण परिस्थितियों के अलावा, जिस अपराधी ने जेल में कम से कम एक वर्ष की सजा काट ली है।
- अपराधी का व्यवहार अच्छा होना चाहिए।
- अपराधी पैरोल की अवधि के दौरान किसी भी आपराधिक घटना में शामिल न हो।
- अपराधी पिछली रिहाई के वक्त किसी भी नियम और प्रतिबंध को न तोड़ा हो।
- पिछली पैरोल को कम से कम छह माह बीत गए हों।
कब-कब मिल सकती है पेरोल
- अगर परिवार के किसी सदस्य को गंभीर बीमारी हो।
- परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाए।
- परिवार का कोई सदस्य किसी हादसे में घायल हो गया हो।
- परिवार में किसी की शादी हो।
- आरोपी की पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया हो।
- कोई सरकारी काम अधूरा रह गया हो तो उसे पूरा करने के लिए।
- अपनी कोई संपत्ति बेचने के लिए भी अपराधी पेरोल पर आ सकता है।
- संतान प्राप्ति के लिए पत्नी की सहमति पर पेरोल मिल सकता है।
- अगर कैदी किसी ऐसी बीमारी से ग्रसित हो, जिसका इलाज जेल के अस्पताल में संभव न हो।
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उच्च न्यायालय ने पूछा था सवाल
उच्च न्यायालय ने हाल में ही हरियाणा सरकार से पूछा था कि इस प्रकार डेरा प्रमुख को बार-बार पेरोल देना विशेष सुविधा तो नहीं है। काफी संख्या में लोग जेलों में हैं, जो पैरोल का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें यह लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने कहा कि नियमों के तहत ही राम रहीम को पैरोल दी जा रही है। सरकार का कहना है कि जहां तक बाकी कैदियों का मामला है तो हर सबके मामलों पर विचार करने के बाद ही फैसला लिया जाता है। सरकार ने कोर्ट को कुछ अदालती फैसलों का हवाला देकर कहा कि राम रहीम हार्डकोर अपराधी नहीं है। ऐसे में उसे पैरोल दी जा सकती है।
चार साल में नौवीं पेरोल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राम रहीम को चार वर्षों में नौवीं बार पेरोल दी गई है। आखिरी बार नवंबर 2023 में 21 दिनों के लिए उसे पेरोल मिली थी। चार साल में 184 दिनों वह पेरोल में रहा है। जेल मैनुअल के अनुसार, एक दोषी को साल भर में 70 दिन की पैरोल ही मिल सकती है।