---विज्ञापन---

Om Prakash Chautala के कुनबे में कौन-कौन? जानें कितने मेंबर राजनीति में और कौन गुमनाम?

Om Prakash Chautala Family Tree: हरियाणा की राजनीति के 'धाकड' नेता ओम प्रकाश चौटाला नहीं रहे। 4 बार के मुख्यमंत्री रहे चौटाला का खानदान प्रदेश सियासत की एक धुरी है, जिसके बिना न चुनाव और न ही सियासत। आइए इनके खानदान के बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Dec 20, 2024 13:53
Share :
Om Prakash Chautala Family Tree
Om Prakash Chautala

Om Prakash Chautala Family Tree: हरियाणा की राजनीति के ‘धाकड’ नेता रहे ओम प्रकाश चौटाला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। जी हां, हरियाणा के 4 बार के मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का आज निधन हो गया। 89 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें उनके आवास पर आज दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। आज शुक्रवार 20 दिसंबर शाम को उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला ले जाया जाएगा, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर पाएंगे।

इसके साथ ही हरियाणा की राजनीति के एक युग का अंत हो गया, लेकिन जब-जब हरियाणा में चुनाव होंगे और हरियाणा की सियासत की बात होगी, चौटाला परिवार का जिक्र जरूर होगा। क्योंकि ताऊ देवी लाल चौटाला और उसके बाद ओम प्रकाश चौटाला के नाम से मशहूर खानदान की विरासत को उनके बच्चे आगे बढ़ा रहे हैं। कहा जाए तो पूरे चौटाला परिवार की जिंदगी राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती है और सिरसा जिले की डबवाली तहसील का चौटाला गांव इस परिवार की जन्मभूमि और कर्मभूमि है। आइए जानते हैं कि ओम प्रकाश चौटाला के कुनबे में कौन-कौन है? कितने मेंबर राजनीति में हैं और कौन-क्या करता है?

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:Rahul Gandhi के साथ था मैं, भाजपा नौटंकी, सारंगी-राजपूत को मिले ड्रामा अवार्ड: संजय राउत

ताऊ देवी लाल

अंग्रेजों की गुलामी वाले भारत में साल 1919 में चौधरी देवीलाल के पूर्वज राजस्थान से सटे सिरसा जिले के गांव चौटाला में आकर बसा। देवीलाल अपने ननिहाल में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के अमरपुरा जालू में पैदा हुए थे। 1952 में कांग्रेस से विधायक बने। 1957 और 1962 में पंजाब विधानसभा के सदस्य भी रहे। 1971 तक कांग्रेस में रहे और 1977 में जनता पार्टी जॉइन की।

---विज्ञापन---

1987 में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) बनाई। 2 दिसंबर 1989 से लेकर 21 जून 1991 तक उप-प्रधानमंत्री रहे। उप-प्रधानमंत्री बनने के बाद 1991, 1996, 1998 में रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव हारे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हराया। 1998 में वह राज्यसभा सदस्य बने। 2001 में राज्यसभा सांसद थे, लेकिन उनका निधन हो गया। ओम प्रकाश चौटाला सबसे बड़े बेटे हैं।

यह भी पढ़ें:BJP नेता भवानी सिंह राजावत कौन? जिन्हें IFS थप्पड़ कांड में 3 साल की जेल, जानें पूरा मामला

पत्नी और 4 बेटे-एक बेटी

ताऊ देवीलाल की पत्नी का नाम हरकी देवी था। साल 1926 में दोनों की शादी हुई थी। इनके 4 बेटे थे, जिनमें से दुनिया 2 को ही जानती है। इनकी एक बेटी भी है, लेकिन उसके बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं है। इनके बेटों का नाम ओम प्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह चौटाला, जगदीश चौटाला है। इनमें से प्रताप चौटाला और जगदीश चौटाला का निधन हो चुका है। ओम प्रकाश चौटाला और रणजीत चौटाला हरियाणा की रानजीति के दिग्गज नेता हैं, लेकिन आज ओम प्रकाश चौटाला का भी निधन हो गया। अब चौटाला खानदान की दूसरी पीढ़ी के एकमात्र सदस्य रणजीत चौटाला रह गए हैं।

ओम प्रकाश चौटाला

ताऊ देवीलाल चौटाला के सबसे बड़े बेटे ओम प्रकाश चौटाला 4 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन इनका जीवन विवादित रहा। वे आखिरी सांस तक इनेलो अध्यक्ष रहे। ओम प्रकाश चौटाला दिल्ली एयरपोर्ट पर सोने की घड़ियों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। तब पिता ताऊ देवीलाल उनसे नाराज हो गए और उन्हें घर-परिवार से निकाल दिया, लेकिन पिता की विरासत उनके ही हाथ आई, जो पिता ने खुद उन्हें सौंपी। उनका विवाह स्नेह लता से हुआ था, जिनकी अगस्त 2019 में मृत्यु हो गई थी। उनके 2 बेटे और 3 बेटियां हैं। बेटों के नाम अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला हैं।

यह भी पढ़ें:Video: जिया उर रहमान बर्क पर हुई FIR पर क्या बोले सांसद के वकील, बिजली चोरी पर दिया ये बयान

रणजीत सिंह चौटाला

ताऊ देवीलाल के तीसरे नंबर के बेटे रणजीत सिंह चौटाला की ओम प्रकाश चौटाला से खटपट रहती थी, क्योंकि ओम प्रकाश ने उन्हें पिता की विरासत नहीं सौंपी, बल्कि अपने बेटे को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया। नाराज होकर रणजीत चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) छोड़ दी। उन्होंने कांग्रेस जॉइन की। सिरसा की रनिया विधानसभा सीट उनकी कर्मभूमि है, लेकिन 2 चुनाव यहां से वे हार गए। साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा तो जीत गए। रणजीत सिंह के 2 बेटे गगनदीप चौटाला और संदीप सिंह चौटाला हैं, जिनमें से संदीप सिंह दुनिया में नहीं रहे और गगनदीप राजनीति से दूर हैं।

अजय सिंह चौटाला

ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला जनता जननायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इनेलो के टूटने से यह पार्टी बनी थी। अजय चौटाला राजस्थान की दातारामगढ़ और नोहर विधानसभा क्षेत्र से MLA बने। 1999 में भिवानी लोकसभा से सांसद बने। 2004 में हरियाणा से राज्यसभा सांसद सेलेक्ट हुए। 2009 में डबवाली से MLA बने। भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष रहे। JBT घोटाले में 10 साल की जेल की सजा काटी।

यह भी पढ़ें:‘अजित दादा, आप एक दिन जरूर CM बनेंगे…’; पवार से बोले देवेंद्र फडणवीस, जानें वजह

अभय सिंह चौटाला

ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला को ओम प्रकाश चौटाला ने अपना उत्तराधिकारी बनाया है। वे इनेलो के राष्ट्रीय महासचिव हैं और अब इनेलो अध्यक्ष बन सकते हैं। साल 2000 में सिरसा की रोड़ी सीट से विधायक बने। 2009, 2014, 2021 में भी इसी सीट से विधायक बने। हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन, स्टेट वॉलीबॉल और बॉक्सिंग एसोसएिशन के अध्यक्ष भी रहे।

नैना चौटाला और कांता चौटाला

नैना चौटाला, अजय चौटाला की पत्नी हैं और कांता चौटाला, अभय चौटाला की पत्नी हैं। नैना पति को सजा होने के बाद राजनीति में आईं। चौटाला परिवार की पहली महिला नैना चौटाला ही हैं, जो राजनीति में आईं। साल 2014 में डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ीं और विधायक बनीं। JJP बनने के बाद पार्टी की टिकट पर भिवानी की बाढ़ड़ा सीट से चुनाव जीता।

यह भी पढ़ें:सपा सांसद बर्क पर संभल में बिजली चोरी की FIR, घर का कनेक्शन काटा, जानें पूरा मामला

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Dec 20, 2024 01:05 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें