Indian Immigrants Deported From USA: अमेरिका लगातार अप्रवासी भारतीयों को डिपोर्ट कर रहा है। अमेरिका से तीसरी बार में हरियाणा के करनाल जिले के 9 युवक भी घर पहुंचे। ये सभी युवा डाॅलर में कमाई के सपनों में इतने गहराई से घुसे कि इसके लिए जमीनें तक बेच दी और अमेरिका गए। आइये जानते हैं इन युवाओं की कहानी जिन्होंने अमेरिका जाने के लिए क्या-क्या किया?
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार 35 साल का अनुज कार वर्कशाॅप चलाता था। उसने अमेरिका जाने के लिए 45 लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन जब पहुंचा तो उसे डिपोर्ट कर दिया गया। अनुज ने बताया कि वह 12वीं तक पढ़ा है। वह उसके पिता अशोक और भाई मनोज वर्कशाॅप में काम करते थे। अजुज दो बच्चों का पिता भी है। उनके पास कोई एजेंट अपनी कार सर्विस कराने आता था। उसने अनुज को अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया। वह उसे अमेरिका के सपने दिखाने लगा। ऐसे में अनुज के सिर पर अमेरिका की धुन सवार हो गई। हालांकि पिता ने उसको मनाया था, लेकिन वह जाना चाहता था, उसने 45 लाख रुपये में डील फाइनल की। उसे बताया गया कि मेक्सिको बाॅर्डर तक फ्लाइट में लेकर जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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ऐसे पहुंचा अमेरिका
अनुज 12 दिसंबर को घर से निकला, पहले वह दिल्ली पहुंचा। यहां से मुंबई और फिर साउथ अमेरिका। आगे का रास्ता उसने टैक्सी से तय किया। टैक्सी से वह पेरू के बाॅर्डर तक पहुंच गया। इस दौरान एजेंट उसे पैसों के लिए बार-बार परेशान करता रहा। फिर सबसे पहली किस्त 20 लाख रुपये की दी गई। इसके बाद 10 और 5 लाख रुपये की किस्त दी गई। 25 जनवरी को अनुज अमेरिका में एंट्री कर गया। वहां पर उसे अमेरिका के जवानों ने पकड़ लिया और कैंप में बहुत यातनाएं दी। 20 दिन बाद उसे फिर से डिपोर्ट कर दिया गया।
विदेश रह रहे भाई ने खर्चे 40 लाख रुपये
करनाल के 22 वर्षीय अमित की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वह जैसे ही मेक्सिको बाॅर्डर पहुंचा, वहां से उसे पकड़कर कैंप में डाल दिया गया। अब चार महीने बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया है। मामले में अमित के परिचित ने बताया कि उसका भाई ग्रीस में काम करता है, उसी ने अमेरिका भेजने के लिए 40 लाख रुपये दिए थे कुछ पैसे परिवार की ओर से जमा किए गए थे। अमित का परिवार मीडिया में आने से बच रहा है।
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