Haryana Assembly Elections: हरियाणा के सोनीपत जिले की विधानसभा सीटों पर कई नेता बागी तेवर अपना चुके हैं। माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस और बीजेपी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। भाजपा की ओर से मेयर निखिल मदान को सोनीपत से टिकट दिया गया है। जिसका विरोध पार्टी के पदाधिकारी कर रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन और उनके पति ने बगावत का ऐलान कर दिया है। देखा जाए तो इस बार चुनाव में कांग्रेस की टिकट के लिए कई लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन पार्टी फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं कर रही है।
कांग्रेस ने कई सीटों पर नहीं खोले पत्ते
अभी 41 दावेदारों का ऐलान किया गया है। वहीं, कांग्रेस और बीजेपी के बागियों पर जेजेपी, आप, इनेलो और बसपा की नजर है। क्योंकि माना जा रहा है कि बागियों को यहां से टिकट मिल सकता है। सोनीपत की सीट पर कविता जैन दो बार जीत चुकी हैं। वे मंत्री भी रह चुकी हैं। उनके पति राजीव जैन यहां लंबे समय से सक्रिय हैं। अगर वे मदान के विरोध में चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
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कुछ ऐसे ही हालात बरोदा में बन रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक इंदुराज नरवाल को टिकट दिया है। जिसके विरोध में कपूर नरवाल ने कांग्रेस छोड़ दी थी। बताया जा रहा था कि बीजेपी कपूर नरवाल पर दांव खेल सकती है। लेकिन पार्टी ने टिकट दिया प्रदीप सांगवान को।
Sonipat: BJP leader Kavita Jain says, “We will clarify the next steps to our workers… We’re not upset about the party’s actions but about our dedication and 50 years of service. If the organization had told us not to contest the next election but only work for the party, we… pic.twitter.com/j1movKxNMc
— IANS (@ians_india) September 5, 2024
इन सीटों पर किसने बढ़ाई मुश्किल?
खरखौदा से प्रीतम खोखर बीजेपी को छोड़कर इनेलो में आ चुके हैं। माना जा रहा है कि उनको टिकट मिल जाएगा। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा की राह मुश्किल हो सकती है। गन्नौर से कांग्रेस ने कुलदीप शर्मा को टिकट दिया है। उनका अधिक विरोध नहीं है। वे बड़े नेता हैं। भाजपा के विधायक निर्मल चौधरी फिर से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने टिकट दिया देवेंद्र कौशिक को। जिससे अब बगावत हो सकती है।
कुछ ऐसा ही हाल राई सीट का था। बीजेपी ने यहां से कृष्णा गहलावत पर दांव खेला है। जहां कांग्रेस से टिकट मांगने वालों की लिस्ट लंबी है। जो लोग नाराज हैं, उनके संपर्क में जेजेपी और इनेलो को बताया जा रहा है। आप और कांग्रेस का गठबंधन भी नहीं हुआ है। ऐसे में बागियों की तादाद और बढ़ सकती है। देखने वाली बात होगी कि ये बागी हरियाणा की जनता से कितना समर्थन जुटा पाते हैं?
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