Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। एक अक्टूबर को वोटिंग होगी। 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। भाजपा के सामने सत्ता को बचाए रखने की चुनौती रहेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला बराबरी का रहा। भाजपा की सीटें घटकर 5 रह गईं। हरियाणा की कुछ हॉट सीटों की बात करते हैं। जहां से दिग्गज चुनाव मैदान में उतरते हैं। इनके ऊपर इस चुनाव में सबकी नजर रहेगी।
करनाल से दो बार जीत चुके मनोहर लाल
लगातार दो बार सीएम रहे मनोहर लाल अब केंद्र में मंत्री बन चुके हैं। उनकी सीट से ही सीएम नायब सिंह सैनी ने चुनाव लड़ा और विधायक बने। अब बात सामने आ रही है कि करनाल से अगला विधानसभा चुनाव पूर्व सांसद अरविंद शर्मा लड़ सकते हैं। सीएम नायब सिंह सैनी के लाडवा से मैदान में उतरने की संभावना है। देखने वाली बात होगी कि बीजेपी किस उम्मीदवार को यहां से मैदान में उतारती है? लाडवा से फिलहाल कांग्रेस के विधायक हैं। 2019 में यहां से मेवा सिंह जीते थे। वहीं, 2014 में इस सीट से बीजेपी के डॉ. पवन सैनी ने जीत हासिल की थी। 2009 में इनेलो के शेर सिंह बड़शामी चुनाव जीते थे। यहां हर पार्टी का वोटर है। इस सीट से लगातार किसी को जीत नहीं मिली है।
राव का कितना फायदा मिलेगा बीजेपी को?
केंद्र में मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत को दक्षिण हरियाणा का बड़ा नेता माना जाता है। गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, बादशाहपुर, नूंह और पलवल विधानसभा समेत 20 सीटों पर उनकी पकड़ मानी जाती है। राव की बेटी आरती सिंह अटेली से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। 2019 में बीजेपी के सीताराम यादव यहां से जीते थे। अब देखने वाली बात होगी कि राव का कितना फायदा बीजेपी को यहां से मिलता है? कांग्रेस भी यहां से बड़ा चेहरा उतार सकती है।
यह भी पढ़ें:हरियाणा की राजनीति के ट्रेजेडी किंग, अधूरा रहा CM बनने का ख्वाब; कभी ली थी हुड्डा की जीत की गारंटी
रोहतक जिले की सीटों पर हुड्डा का कितना प्रभाव रहेगा? यह भी देखने वाली बात होगी। माना जा रहा है कि उनके सामने किलोई से बीजेपी कृष्णमूर्ति हुड्डा को मैदान में उतार सकती है। जो 1991 में भी यहां से जीत चुके हैं। हुड्डा को घेरने में बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। हुड्डा इस समय कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं। पिछली बार भी बीजेपी ने उनको घेरने के लिए रणनीति बनाई थी। लेकिन हुड्डा बाजी मार गए थे।
उचाना में होगा त्रिकोणीय मुकाबला
बांगर बेल्ट की उचाना सीट भी हॉट मानी जा रही है। यहां से बीरेंद्र सिंह और चौटाला परिवार जीतते रहे हैं। पिछली बार दुष्यंत बड़े अंतर से जीते और डिप्टी सीएम बने। यहां से बीरेंद्र की पत्नी प्रेमलता भी जीत चुकी हैं। बीरेंद्र कांग्रेस में अब दोबारा लौटे हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित रहे बृजेंद्र को यहां से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। जजपा और भाजपा गठबंधन टूटने के बाद यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। भाजपा यहां से किसी बड़े चेहरे को उतार सकती है।
ऐलनाबाद से आसान नहीं अभय की राह
हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद भी हॉट सीट है। यहां से इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला विधायक हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में रिजाइन किया और उपचुनाव जीते। भाजपा से कप्तान मीनू बैनीवाल और गोबिंद कांडा के यहां से लड़ने की चर्चा है। मीनू बैनीवाल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। अभय ऐलनाबाद से लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। ऐसे में सभी दल उनको घेरने की कोशिश में हैं।
यह भी पढ़ें:दो सीएम, चार बार उपचुनाव; जानिए 5 साल में कितनी बदली हरियाणा की राजनीति?
यह भी पढ़ें:कभी बोलती थी तूती, इस बार हरियाणा के चुनावी रण में नहीं दिखेंगे ये बड़े चेहरे