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HOT सीट लाडवा… आसान नहीं नायब सैनी की डगर, मेवा सिंह और सपना की एंट्री से बदले समीकरण

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा के सीएम नायब सैनी लाडवा से बीजेपी प्रत्याशी हैं। इससे पहले वे करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीते थे। सैनी की राह इस सीट पर इतनी आसान नहीं लग रही है। बीजेपी के बागी नेता के अलावा कांग्रेस और इनेलो से उन्हें चुनौती मिल रही है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 23, 2024 14:40
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Haryana Assembly Election 2024

Haryana Assembly Election: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट हॉट बन चुकी है। बीजेपी के टिकट पर हरियाणा के कार्यवाहक सीएम नायब सिंह सैनी मैदान में हैं। यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। पहले लाडवा थानेसर में शामिल था। यहां से 3 चुनाव में कोई पार्टी दोबारा नहीं जीत सकी है। 2019 में कांग्रेस के मेवा सिंह यहां से जीते थे। पार्टी ने दूसरी बार उनको टिकट दिया है। INLD-BSP गठबंधन ने सपना बड़शामी, JJP-ASP गठबंधन ने विनोद शर्मा और AAP ने जोगा सिंह को कैंडिडेट बनाया है। लाडवा सीट पर सबसे अधिक सैनी समाज के वोटर हैं। यहां कुल 1.96 लाख मतदाता हैं। सीएम चेहरा होने का फायदा नायब सैनी को मिल सकता है। लेकिन किसानों की नाराजगी भी भारी पड़ सकती है।

लाडवा के बड़े मुद्दे

यहां यमुनानगर-पिपली हाईवे पर बाईपास और गर्ल्स कॉलेज का निर्माण बड़ा मुद्दा हैं। वहीं, BJP के बागी संदीप गर्ग भी सैनी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। वैश्य और दलित समाज के वोट बिखरे तो भाजपा को नुकसान तय है। मेवा सिंह के सामने एंटी इनकंबेंसी है, सरकार से बाहर होने के कारण उनके ऊपर काम न करवाने के आरोप हैं। उनको जाट चेहरे सपना बड़शामी से भी चुनौती मिल रही है। अगर जाट बिखरे तो भाजपा को फायदा होगा। यह सीट किसी पार्टी का गढ़ नहीं रही है। 2009 में यहां से इनेलो के शेर सिंह बड़शामी ने कांग्रेस की कैलाशो सैनी को सिर्फ 2505 वोटों से हराया था।

2014 में जीते थे पवन सैनी

2014 में यहां से भाजपा के पवन सैनी जीते। उनको इनेलो की बचन कौर बड़शामी से चुनौती मिली थी। इनेलो सिर्फ 2992 वोटों से हारी। 2019 में कांग्रेस के मेवा सिंह ने पवन सैनी को 12637 वोटों से शिकस्त दी। हर बार मुकाबला जाट और सैनी के बीच में रहा। भाजपा को 40 फीसदी OBC, ब्राह्मण और वैश्य वोटरों से उम्मीद है। माना जा रहा है कि संदीप गर्ग वैश्य वोटों में सेंध लगाएंगे। ब्राह्मणों के यहां 6.71 फीसदी वोट हैं, जो जेजेपी उम्मीदवार विनोद शर्मा को मिलेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी। मेवा सिंह और सपना में जाट वोटों का अगर बिखराव हुआ तो दोनों को नुकसान होगा।

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मेवा सिंह को कांग्रेस के पक्ष में बने माहौल का फायदा मिल सकता है। वहीं, नायब सिंह सैनी 2014 में नारायणगढ़ से विधायक बने थे। जिसके बाद 2019 में कुरुक्षेत्र से सांसद बने। इसलिए लाडवा उनके लिए नई जगह नहीं मानी जा सकती। सीएम चेहरा होने के कारण वे दूसरे प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं। वहीं, उनके लिए हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली आ चुके हैं। उनकी पत्नी सुमन सैनी लाडवा से प्रचार में जुटी हैं। सैनी नौकरियों में पारदर्शिता, बिना भेदभाव विकास की बात कर रहे हैं।

मेवा सिंह को किसानों से उम्मीदें

कांग्रेस के मेवा सिंह किसानों, रोजगार और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। पूर्व सीएम हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा भी उनके लिए प्रचार कर चुके हैं। सपना सैनी अपने ससुर शेर सिंह बड़शामी के सहारे जीत की उम्मीद में प्रचार कर रही हैं। जो पूर्व सीएम ओपी चौटाला के करीबी रहे हैं। जेबीटी घोटाले में वे चौटाला के साथ जेल भी जा चुके हैं। चौथे प्रत्याशी संदीप गर्ग समाजसेवा के नाम पर मैदान में उतरे हैं। इससे पहले भाजपा से ही वे टिकट मांग रहे थे। लेकिन सैनी के यहां से उतरने के बाद वे बागी हो गए। संदीप गर्ग लाडवा में अन्नपूर्णा रसोई चलाते हैं, जहां रोज 4 हजार लोग फ्री भोजन करते हैं। देखने वाली बात होगी कि लाडवा से नायब सिंह सैनी किला बचा पाते हैं या नहीं।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 23, 2024 02:40 PM

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