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HPSC रिजल्ट विवाद में कूदे अनुराग ढांडा, बोले- दलित, पिछड़ा और दिव्यांग विरोधी है प्रदेश की खट्टर सरकार

Anurag Dhanda on HPSC Result Controversy: आम आदमी पार्टी के सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने गुरुवार को बयान जारी कर एचपीएससी के रिजल्ट को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खट्टर सरकार दलित, पिछड़ा और दिव्यांग विरोधी सरकार है। ये पूरा देश जानता है कि खट्टर सरकार आरक्षण के खिलाफ है, […]

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Oct 12, 2023 18:26
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Anurag Dhanda on HPSC Result Controversy: आम आदमी पार्टी के सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने गुरुवार को बयान जारी कर एचपीएससी के रिजल्ट को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खट्टर सरकार दलित, पिछड़ा और दिव्यांग विरोधी सरकार है। ये पूरा देश जानता है कि खट्टर सरकार आरक्षण के खिलाफ है, पिछड़े वर्गों का आरक्षण खत्म करना चाहती है, लेकिन जिस तरीके से एचपीएससी काम कर रहा है उससे साफ नजर आता है कि खट्टर सरकार की मंशा सही नहीं है। एचपीएससी हेराफेरी सर्विस कमीशन बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि अपने चहेतों को बैकडोर एंट्री देने के लिए कम युवाओं का चयन किया गया है। एचपीएससी और एचएसएससी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में लगा है।

पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के साथ दुर्भावना

ढांडा ने कहा कि जिन 61 पदों के लिए एचपीएससी के द्वारा एचसीएस को सेलेक्ट किया गया, उनमें पिछड़े वर्ग और अति पिछड़े वर्ग के साथ भेदभाव किया गया है। 61 चयनित अभ्यर्थियों में से 18 सीटों पर एससी उम्मीदवार का चयन होना चाहिए था, लेकिन केवल 6 सीटें भरी गई और 12 सीटें खाली रह गई हैं। बीसी उम्मीदवार के 10 सीटें थी इनमें से केवल 3 भरी गई, इसके अलावा बीसी-ए और बीसी-बी को अलग-अलग करके देखें तो, बीसी-बी की 5 सीटों में से एक भरी गई है और दिव्यांग श्रेणी में 4 सीटों थी, जोकि सभी खाली रख ली गई हैं। इसका मतलब खट्टर सरकार ने सुनियोजित तरीके से भर्ती प्रकिया और मान दंडों से छेड़छाड़ करते हुए 100 पद थे, लेकिन 61 अभ्यर्थियों को पास किया गया। सीटों को खाली रखने के लिए एचपीएससी ने जानबूझ कर नियमों में बदलाव किया है।

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सीएम खट्टर कहते हैं हरियाणा में जातीय जनगणना नहीं कराएंगे

अनुराग ढांडा ने कहा कि खट्टर सरकार द्वारा पूरे रिजल्ट को देख भालकर इस तरीके से रिजल्ट जारी किया गया ताकि एससी, बीसी और दिव्यांग उम्मीदवार कम से कम संख्या में सेलेक्ट हों। इन पदों को खाली रख लिया गया यानी, जो एचसीएस की सर्विसेज में एससी और बीसी की जितनी संख्या में भागीदारी होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हो रही है। इसलिए जब भी देश में जाति जनगणना की बात होती है, तो केवल भाजपा उसके खिलाफ खड़ी नजर आती है। हरियाणा में तो सीएम खट्टर खुलकर कह चुके हैं कि हरियाणा में जातीय जनगणना नहीं कराएंगे।

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वोट मांगने जाएंगे, तो मिलेगा जवाब

उन्होंने कहा कि क्या सीएम खट्टर के मन में एससी, ओबीसी और दिव्यांगों के प्रति ऐसी भावना है कि जातीय जनगणना में इनकी जनगणना नहीं कराना चाहते और जहां एचसीएस के लिए पद भरे जा रहे हैं, वहां ऐसा भेदभाव देखने को मिलता है। इससे हरियाणा की जनता के सामने सीएम खट्टर का दोगला चेहरा सामने आ गया है, जो वोट तो एससी और ओबीसी वर्ग से खूब मांगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन जब इनके बच्चों को एचसीएस में भर्ती करने का समय आता है, तो सीएम खट्टर का एचपीएससी यानी हेराफेरी सर्विस कमीशन आयोग उन बच्चों को उन पदों के लिए चयनित नहीं होने देता और दुर्भावना के साथ पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। सीएम खट्टर जब 2024 में लोगों के बीच वोट मांगने जाएंगे, तो लोग इसका पूरजोर तरीके से जवाब देंगे।

 

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Written By

Shailendra Pandey

First published on: Oct 12, 2023 06:26 PM

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