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गुजरात

सौर ऊर्जा से मिलेगा शुद्ध पीने का पानी, गुजरात की यूनिवर्सिटी में हुआ नया डिवाइस तैयार

Gujarat News: गुजरात की तीन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो सोलर एनर्जी से पानी को शुद्ध करता है। इस नई रिसर्च के बाद शोधकर्ताओं का मानना है कि यह सैनिकों को भी लाभ पहुंचाएगा। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में।

Author Written By: bhupendra.thakur Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 11, 2025 09:23

Gujarat News: गुजरात की तीन प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिलकर एक ऐसा नया डिवाइस तैयार किया है, जो सौर एनर्जी की मदद से अशुद्ध पानी को पीने योग्य बनाने में सफल है। यह नैनो टेक्नोलॉजी आधारित डिवाइस एम.एस. यूनिवर्सिटी, गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर विकसित किया है। इस डिवाइस की सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से पोर्टेबल है और सौर ऊर्जा से चलता है। ऐसे में यह बिजली न होने वाले इलाकों में भी उपयोगी साबित होता है।

नैनो टेक्नोलॉजी आधारित उन्नत फिल्ट्रेशन

यह डिवाइस एक विशेष पॉलिमेरिक केस में रखा गया है, जिसके भीतर नैनो-कॉम्पोजिट से बना फिल्ट्रेशन मेम्ब्रेन लगाया गया है। यह मेम्ब्रेन पानी में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और केमिकल एलिमेंट्स को निकालकर शुद्ध पीने योग्य पानी प्रदान करता है। डिवाइस की संरचना कुछ इस प्रकार की गई है कि यह ना केवल दिन में सूरज की रोशनी से चलेगा, बल्कि रात में भी इनबिल्ट बैटरी के सहारे काम करने में सक्षम है। इस वजह से यह हर परिस्थिति में लगातार काम कर सकता है।

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दूर के इलाकों के लिए वरदान

इस नए आविष्कार की खासियत यह है कि यह डिवाइस उन दूरदराज़ और ग्रामीण इलाकों के लिए फायदेमंद है, जहां बिजली की सुविधा नहीं है और स्वच्छ पानी की कमी एक बड़ी चुनौती है। इसके अतिरिक्त, यह डिवाइस सैन्य बलों के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकता है, जब वे किसी मिशन या कैंप के दौरान पानी की कमी से जूझते हैं, तो वह इस सोलर फिल्ट्रेशन की मदद से पानी को साफ कर सकेंगे।

शोध को मिला पेटेंट, वैज्ञानिकों को सराहना

इस परियोजना में कुल 10 वैज्ञानिकों की टीम ने मिलकर काम किया है और इसे आधिकारिक रूप से पेटेंट भी मिल चुका है। डॉ. संजीव कुमार (एसोसिएट प्रोफेसर, एम.एस. यूनिवर्सिटी) और डॉ. वैशाली सुथार (असिस्टेंट प्रोफेसर, एम.एस. यूनिवर्सिटी) ने इस शोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीने के पानी जैसी बुनियादी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, यह खोज न केवल गुजरात के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

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First published on: Jun 11, 2025 09:22 AM

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