Insurance money fraud in Ahmedabad: अहमदाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो किसी फिल्मी कहानी को भी पीछे छोड़ देगा। बीमा के लाखों रुपए के लिए एक शख्स ने अपने घर वालों के साथ मिलकर अपनी ही मौत का ऐसा खेल रचा कि सभी लोग धोखा खा गए और झूठी कहानी को सच मान बैठे, मगर सच एक न एक दिन सामने आकर ही रहता है और जब सच सामने आया तो पुलिस भी अचंभित रह गई।
आरोपी ने किया नाटक
झूठी मौत की कहानी का सच तब सामने आया, जब क्राइम ब्रांच को अपने सूत्रों से मिली खुफिया जानकारी के बाद उत्तर प्रदेश में एक भिखारी की हत्या के आरोपी और पिछले 17 वर्षों से गुजरात में एक नई पहचान के साथ रह रहे 39 साल के व्यक्ति को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपनी मौत का नाटक करने और 80 लाख रुपये के बीमा का दावा करने के लिए एक भिखारी की हत्या कर दी थी। अहमदाबाद के निकोल इलाके से पकड़े गए, इस आरोपी का मूल नाम अनिल सिंह है, जो उत्तर प्रदेश के नोएडा के भट्टा-पारसौल गांव के रहने वाले थे।
पहचान बदलकर रह रहा था आरोपी
दरअसल 2006 में आगरा के रकाबंज थाने में एक टैक्सी ड्राइवर की दुर्घटना में मौत का मामला दर्ज किया गया था, जिसकी पहचान उस वक्त उसके पिता ने अनिल सिंह चौधरी के रूप में की थी। हालांकि, बाद में पुलिस को पता चला कि अनिल सिंह चौधरी अभी भी जीवित था और एक अलग पहचान राजकुमार चौधरी के साथ अहमदाबाद के निकोल इलाके में रह रहा था।
ऐसे रची साजिश
पूछताछ के दौरान अनिल सिंह चौधरी ने पुलिस को बताया कि बीमा की रकम पाने के लिए उसने अपने पिता के साथ मिलकर अपनी मौत की साजिश रची थी। रची गई साजिश के मुताबिक आरोपी अनिल सिंह चौधरी ने अपने पिता और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर एक भिखारी को खाना खिलाने का लालच देकर उसे आगरा के पास एक होटल में ले गया और उसे नशीला पदार्थ मिला हुआ खाना परोस दिया। इसके बाद आरोपियों ने बेहोश भिखारी को अपनी कार में फेंक दिया और इसे दुर्घटना की तरह दिखाने के लिए जान बूझकर वाहन को बिजली के खंभे से टकरा दिया। प्लान के मुताबिक उसके बाद, उन्होंने भिखारी को ड्राइवर की सीट पर बिठाया और यह दिखाने के लिए कार में आग लगा दी कि दुर्घटना के कारण वाहन में आग लग गई।
…फिर कभी पैतृक गांव नहीं गया आरोपी
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच पुलिस के डीसीपी चैतन्य मांडलिक ने बताया कि कारनामे को अंजाम देने के बाद अनिल सिंह चौधरी के पिता विजयपाल सिंह ने शव की पहचान अपने बेटे के रूप में की और गौतम बुद्ध नगर जिले में अपने पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार किया। पुलिस ने कहा कि प्लान के अनुसार, विजयपाल सिंह चौधरी ने अपने बेटे की दुर्घटना मृत्यु बीमा में 80 लाख रुपये का दावा किया और पैसे मिलने पर परिवार के सदस्यों ने पैसे आपस में बांट लिए। पुलिस ने बताया कि अपना हिस्सा लेने के बाद अनिल सिंह चौधरी 2006 में अहमदाबाद आ गया और फिर कभी उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक गांव नहीं गया। उसने अपना नाम बदलकर राजकुमार चौधरी रख लिया और इसी नाम से ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड भी हासिल कर लिया। पकड़े जाने से बचने के लिए अनिल सिंह चौधरी 17 साल पहले अहमदाबाद आने के बाद न तो अपने पैतृक गांव वापस गया और न ही अपने परिवार के किसी सदस्य को फोन किया।