गुजरात में एक ट्यूशन टीचर और नाबालिग छात्र से जुड़ा मामला इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। 23 साल की यह महिला शिक्षक अपने नाबालिग छात्र के साथ कई शहरों वडोदरा, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली और वृंदावन में घूमने के बाद जब लौटी, तो वह गर्भवती पाई गई। अब उसने कोर्ट से गर्भपात की अनुमति मांगी है, क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार यह गर्भावस्था उसके लिए स्वास्थ्य संबंधी जोखिम उत्पन्न कर सकती है।
बता दें कि टीचर की गिरफ्तारी 30 अप्रैल को POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस) एक्ट के तहत की गई थी। इससे पहले 25 अप्रैल को छात्र के परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह अपने बेटे के साथ लापता है। बाद में पुलिस ने दोनों को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के पास से बरामद किया।
टीचर 20 हफ्ते की गर्भवती
गिरफ्तारी के बाद टीचर की मेडिकल जांच में पुष्टि हुई कि वह करीब 20 हफ्ते की गर्भवती है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि गर्भ में पल रहे बच्चे का जैविक पिता कौन है। पुलिस ने बच्चे का डीएनए सैंपल लिया है, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।
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टीचर के वकील का क्या दावा
टीचर के वकील वाजिद शेख ने बताया, कि कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि गर्भावस्था महिला के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है। साथ ही, यह भी तर्क दिया गया है, कि कम उम्र के किशोर से गर्भ ठहरना मेडिकल दृष्टि से असामान्य माना जाता है, जिससे भ्रूण की सेहत पर भी सवाल उठते हैं।
पुलिस मामले की जांच में जुटी
बता दें कि फिलहाल आरोपी महिला जेल में बंद है और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। कोर्ट में अब इस याचिका पर सुनवाई होगी, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय देता है।
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