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गुजरात

Gujarat News: राज्य में बाल श्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 5 सालों में 616 बच्चों को मुक्त कराया, लाखों रुपये का जुर्माना वसूला

Gujarat News: गुजरात सरकार ने बीते 5 सालों में बाल श्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। राज्यभर में अब तक 4,824 छापेमारी की गई, जिनमें बाल श्रमिक और किशोर श्रमिक समेत कई बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया।

Author Written By: bhupendra.thakur Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Jun 11, 2025 14:28
बाल एवं किशोर श्रम कानून

Gujarat News: गुजरात सरकार द्वारा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिबंध और विनियमन) कानून के तहत बीते पांच सालों में बाल श्रम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। श्रम आयुक्त कार्यालय की ओर से राज्यभर में 4,824 छापेमारी की गई, जिनमें 455 बाल श्रमिक और 161 किशोर श्रमिक सहित कुल 616 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया। बाल श्रमिकों को काम पर रखने वाले दोषियों से कुल 72.88 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इसके साथ ही बाल श्रम कानून के उल्लंघन के मामलों में 791 आपराधिक केस और 339 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।

उद्योगों में बच्चों से मजदूरी कराना प्रतिबंधित

भारतीय संविधान की धारा 23 के तहत खतरनाक उद्योगों में बच्चों से मजदूरी कराना पूरी तरह प्रतिबंधित है। साल 1986 में लागू बाल श्रम (प्रतिबंध और विनियमन) अधिनियम के अनुसार, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के काम में लगाना गैरकानूनी है। 14 से 18 साल के किशोरों को केवल गैर-खतरनाक कामों में नियमानुसार रखा जा सकता है। गुजरात सरकार ने इस कानून में संशोधन करते हुए उल्लंघन करने वालों के लिए 6 माह से 2 साल तक की जेल या 20,000 से 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। पुनरावृत्ति पर सजा 1 से 3 साल तक बढ़ाई जा सकती है।

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जांच के बाद माता-पिता को सौंपा

मुक्त कराए गए बच्चों को चिल्ड्रन होम में आश्रय दिया जाता है और चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (CWC) द्वारा जांच के बाद माता-पिता को सौंपा जाता है। गैर-गुजराती बच्चों को उनके राज्य की सीडब्ल्यूसी के जरिए सुरक्षित रूप से परिवार को सौंपा जाता है। जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता और पुनर्वास का लाभ भी दिया जाता है।

हर साल 12 जून को ‘विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस’ मनाया जाता है। इस साल 2025 की थीम “सुरक्षित और स्वस्थ पीढ़ी” रखी गई है, जिसका उद्देश्य युवा श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार करना तथा बाल श्रम का पूरी तरह अंत करना है। राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई और पुनर्वास के प्रयासों से बाल श्रम के खिलाफ मजबूत संदेश गया है और बच्चों के अधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

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First published on: Jun 11, 2025 02:28 PM

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