Gujarat Built Largest Lion-Shaped Temple: गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ-साथ धार्मिल स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है। जिसके साथ राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ा रही हैं। इसी उद्देश्य के साथ साणंद में दुनिया के सबसे पहले और सबसे बड़े शेर के आकार के मंदिर बनाया जा रहा है। इस मंदिर का ऐतिहासिक भूमि पूजन कार्यक्रम 17 नवंबर को आयोजित किया गया है। दुनिया के लिए अनोखा और अनदेखा यह मंदिर आकर्षक शेर की आकृति में डिजाइन किया जाएगा।
21 फीट ऊंची मां की मूर्ति
दयामूर्ति गुरुमां के मुताबिक इस मंदिर के अंदर 21 फीट ऊंची मां की मूर्ति के दर्शन तो किए ही जा सकते हैं, साथ ही 51 शक्तिपीठों के दर्शन का लाभ भी उठाया जा सकता है। इस मंदिर परिसर में नियमित व्रत का भी आयोजन किया जाएगा। यह मंदिर न केवल आस्था का स्थान बनेगा, बल्कि विश्व की अनूठी कला और आध्यात्मिक विकास का स्थान भी बनेगा।
तीर्थयात्रियों के लिए बनेगा ध्यान केंद्र
परिसर में तीर्थयात्रियों के लिए ध्यान केंद्र, जलपान और विश्राम के लिए विशेष सुविधाएं, साथ ही स्थानीय समुदाय के लिए अनुकूलित गतिविधियां शामिल होंगी। यह मंदिर गुजरात के भविष्य के भक्तों के लिए एक नया आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन जाएगा, जो जगह की विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करेगा। मंदिर में 21 फीट की और 5 फीट चौड़ी छह शेर की मूर्तियां भी होंगी।
बेघर बेटियों को लिया जाएगा गोद
बता दें कि मंदिर निर्माण से पहले मंदिर की तरफ से एक अनोखी पहल शुरू की गई है। मंदिर के मुखिया के मुताबिक 1 महीने की छोटी सी अवधि में 15 गांवों की 201 अनाथ या जरूरतमंद लड़कियों को गोद लिया जाएगा। ये गांव नल झील के आसपास के होंगे। मंदिर में इन बेघर बेटियों के लिए खास व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि मां दुर्गा को बेटियां बहुत प्रिय हैं, इसलिए एक साथ इतनी बड़ी संख्या में बेटियों को गोद लेने का फैसला लिया गया है।
यह भी पढ़ें: Gujarat Weather: गुजरात में पहली बार महसूस हुई ठंड; अहमदाबाद समेत कई शहरों का तापमान गिरा 20 डिग्री से नीचे
पाकिस्तान से आएगी मां के ऐतिहासिक मंदिर की ज्योत
मंदिर बनाने वाली संस्था द्वारा देशभर के 45 शक्ति पीठों और दूसरे देशों के 6 शक्ति पीठों से 3 महीने में ज्योति एकत्रित की जाएगी। इसके लिएसंस्था के 4 लोग पाकिस्तान स्थित हिंगलाज माता शक्ति पीठ में भी जाएंगे और वहां से ज्योत लेकर आएंगे। इस कार्य में संस्था के 25 से अधिक सदस्य काम करेंगे। यह शहर का एकमात्र मंदिर होगा जहां एक साथ 51 शक्तिपीठों की प्रतिकृति देखी जा सकेगी। साथ ही मंदिर में एक साथ 500 लोगों को दर्शन लाभ की व्यवस्था की गई है।