Gujarat Ahmedabad Largest ‘Waste to Energy’ Plant: गुजरात लगातार रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब गुजरात में कचरे से भी बिजली बनाई जाएगी। दरअसल, राज्य का सबसे बड़ा ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट जल्द ही शुरू होने वाला है। अहमदाबाद शहर में स्थित इस ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट में शहर में निकालने वाले कचरे से हर दिन 350 मेगावॉट बिजली बनाई की जाएगी।
आज हमारी कंपनी अक्षर बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड सुरत द्धारा श्री चिमनभाई जीवाभाई पटेल मार्केट यार्ड (apmc) अहमदाबाद में निर्मित वेस्ट टू एनर्जी (कम्प्रेस बायोगेस) प्लान्ट का निर्माण किया गया है। उसमे हररोज ३० टन जितना वेजीटेबल वेस्ट उपयोग किया जाता है। उसमे से हररोज शुद्ध… pic.twitter.com/AeU8ywu45X
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प्राइवेट कंपनी के साथ हुआ MoU
इस प्रोजेक्ट के लिए अहमदाबाद नगर निगम और एक प्राइवेट कंपनी के बीच एक MoU साइन किए गए हैं। इस समझौते के तहत प्राइवेट कंपनी हर दिन शहर से निकलने वाले कूड़े में से एक हजार मीट्रिक टन ठोस कूड़ा जलाकर बिजली बनाएगी और कमाई करेगी। अहमदाबाद महानगर पालिका स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा कि अहमदाबाद शहर में हर दिन 4,000 मीट्रिक टन से अधिक ठोस कचरा निकलता हैं। इस 4 हजार मीट्रिक टन ठोस कचरे में से 1 हजार मीट्रिक टन ठोस कचरा प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा। ये कंपनी ठोस कचरे को जलाकर हर घंटे 15 मेगावाट और हर दिन 350 मेगावाट बिजली प्रोड्यूस करेगी। इससे कचरे का उचित निपटान होगा और मोदी सरकार के ‘वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट’ को ताकत मिलेगी। इससे शहर में कूड़े से राजस्व भी बढ़ेगा।
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महानगर पालिका की सबसे बड़ी चुनौती
अहमदाबाद महानगर पालिका के ठोस कचरा विभाग के लिए कचरे का उचित निपटान सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरी तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। बाकी सभी कैटेगिरी में अहमदाबाद सबसे आगे है और उसे सबसे अधिक अंक मिले हैं। लेकिन पिराना में जमा होने वाले कूड़े के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर गिर जाता हैं। इससे अहमदाबाद को बहुत बड़ा नुकसान होता है। अब इस वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के तहत उत्पादित बिजली से कंपनी को फायदा होगा। देवांग दानी ने आगे कहा कि एजेंसी आरडीएफ बेस इंसीनरेशन तकनीक का उपयोग करके बॉयलरों में नगर निगम के ठोस कचरे को जलाकर 65 टीपीएच भाप उत्पन्न करेगी। यह भाप 15 मेगावाट प्रति घंटा क्षमता के टर्बाइनों के माध्यम से 15 मेगावाट प्रति घंटा बिजली प्रोड्यूस करेगी। इस प्रकार कुल 1 हजार मीट्रिक टन कूड़े से रोजाना 350 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। जिसे पावर ग्रिड को आपूर्ति की जाएगी।