गुजरात के गांधीनगर के एक सीनियर को डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर 3 महीनों में 19.24 करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। यह पैसे 30 अलग-अलग खातों में जमा करवाए गए। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है और इसकी सूचना एक सप्ताह पहले दे दी गई थी। साइबर अपराधियों ने धमकी और डर दिखाकर 30 से ज्यादा खातों से 19 करोड़ से अधिक की धनराशि निकाल ली। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इसके बाद पता चलेगा कि इसमें कोई बाहरी व्यक्ति शामिल है या नहीं। मार्च में डिजिटल गिरफ्तारी की गईं। वो लोग पीड़ित से पैसे ऐंठ रहे थे।
शिकायत के बाद आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में शिकायतकर्ता एक वरिष्ठ नागरिक है, जिसके साथ ये डिजिटल फ्रॉड हुआ। इस मामले में 30 खातों की जांच की गई, जिसमें आरोपी को गिरफ्तार किया गया। यह बहुत बड़ा गिरोह है और इसमें अलग-अलग राज्यों के खाते हैं। अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह से संबंध की बात सामने नहीं आई है। सीआईडी साइबर सेल के एसपी धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि पुलिस खाता धारकों को पहचानने की कोशिश पुलिस कर रही है।
इसके साथ ही जिन लोगों ने फोन पर धमकी दी थी, उनके बारे में भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है। सीआईडी ने बताया कि बिजनेसमैन लालजी बलदानिया नामक व्यक्ति को सूरत से गिरफ्तार किया गया है। वह 30 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स में से एक का होल्डर है, जिसमें डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर बुजुर्ग से पैसे ट्रांसफर करवाए गए। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह यूपी के नोएडा में साइबर ठगों से मिला हुआ था।
साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता जरूरी
इस प्रकार, सोशल स्पेस पर मौजूद डेटा के कारण लोगों को टारगेट करना काफी आसान हो जाता है। पुलिस अलग-अलग तरीकों से जनता के बीच साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही है। ताकि आम लोग साइबर धोखाधड़ी जैसे मामलों में न फंसे। उनकी जीवनभर की कमाई को कोई भी ऐसे ही न उड़ा कर ले जाए।
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